Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Dr jeevan singh titiyal aiims delhi performed more than 1 lakh surgeries retires

आंख में आंसू ले OT से आए बाहर; 1 लाख से ज्यादा सर्जरी करने वाले दिल्ली एम्स के डॉ. टिटियाल रिटायर

दिल्ली एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र अस्पताल के प्रमुख रहे डॉ. जीवन सिंह टिटियाल का अपने काम के प्रति जुनून इतना ज्यादा था कि वे अपने रिटायरमेंट के अंतिम दिन भी सात मरीजों की आंखों की सर्जरी कर चुके थे। वह अब तक एक लाख से ज्यादा सर्जरी कर चुके हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हिन्दुस्तानSat, 4 Jan 2025 06:28 AM
share Share
Follow Us on

दिल्ली एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र अस्पताल में अपने 46 साल के करियर में एक लाख से अधिक सर्जरी करने वाले डॉ. जीवन सिंह टिटियाल रिटायर हो गए। रिटायरमेंट के दिन ओटी ड्रेस पहने डॉक्टर टिटियाल जब ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकलते हैं तो वहां खड़े कर्मचारी और मरीज तालियां बजाने लगते हैं। इस दौरान जहां डॉ. टिटियाल की आंखों में आंसू थे, वहीं लोगों की आंखें भी नम थीं।

राजेंद्र प्रसाद नेत्र अस्पताल के प्रमुख रहे डॉ. टिटियाल का अपने काम के प्रति जुनून इतना ज्यादा था कि वे अपने रिटायरमेंट के अंतिम दिन भी सात मरीजों की आंखों की सर्जरी कर चुके थे। उनका काम के अंतिम दिन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें लोग भावुक नजर आ रहे हैं और अपने हीरो डॉ. टिटियाल को हाथ जोड़कर विदा कर रहे हैं। इस दौरान पूरे स्टाफ ने उनको नम आंखों से विदा किया। डॉक्टर साहब की आंखों में भी आंसू थे।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हुआ था जन्म : डॉ. टिटियाल का जन्म उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1978 में एम्स दिल्ली में एमबीबीएस में दाखिला लिया। अपने काम के दौरान न सिर्फ लाखों लोगों की आंखों की रोशनी लौटाई, बल्कि आंखों के बारे में कई नई चीजें भी खोजीं, जो आज भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। उन्होंने अपने काम के प्रति जो समर्पण दिखाया, उसने पूरे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र को भी एक नई दिशा दी।

देश को ट्रेकोमा मुक्त घोषित करने में बड़ी भूमिका : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को हाल ही में आंखों की बीमारी ट्रेकोमा मुक्त देश घोषित कर दिया है। ट्रेकोमा आंखों में होने वाला रोग है। भारत दक्षिण पूर्व एशिया में यह उपलब्धि हासिल करने वाला तीसरा देश है। इसमें उपलब्धि में सरकार के अलावा डॉक्टर जीवन सिंह टिटियाल और एम्स के प्रोफेसर प्रवीण वशिष्ठ का बड़ा योगदान है।

कॉर्निया प्रत्यारोपण की नई विधि खोजी

डॉ. टिटियाल ने कई महत्वपूर्ण लोगों का इलाज किया। इनमें दलाई लामा और अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भी शामिल है। करीब 10 साल पहले उन्होंने मृत व्यक्ति की आंख से लिए गए एक कॉर्निया को तीन अलग-अलग बीमारी से ग्रस्त लोगों की आंखों में ट्रांसप्लांट करने की विधि विकसित की थी। इसके लिए सरकार ने उन्हें 2014 में पद्मश्री पुरस्कार दिया था।

अगला लेखऐप पर पढ़ें