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आपकी ईमानदारी पर संदेह है; AAP सरकार से ऐसा क्यों बोला हाई कोर्ट

दिल्ली उच्च न्यायालय ने CAG रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा, 'जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।'

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, ANIMon, 13 Jan 2025 05:01 PM
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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार पर बड़ी टिप्पणी की है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की 14 रिपोर्ट्स विधानसभा में पेश नहीं किए जाने को लेकर हाई कोर्ट ने सरकार की ईमानदारी पर संदेह जाहिर किया है। कोर्ट ने यह टिप्पणी ऐसे समय पर की है जब मीडिया में सीएजी की दो रिपोर्ट लीक हो चुकी है। इनमें सीएम के बंगल पर गलत तरीके से करोड़ों रुपए खर्च और शराब नीति से सरकारी खजाने को 2000 करोड़ रुपए से अधिक नुकसान का दावा किया गया है।

जस्टिस सचिन दत्ता की पीठ ने सीएजी रिपोर्ट को लेकर दिल्ली सरकार पर सवाल खड़े किए। हाई कोर्ट ने सीएजी रिपोर्ट पर विचार करने में देरी के लिए दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘जिस तरह से आपने अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर संदेह पैदा होता है।’ न्यायालय ने आगे जोर देते हुए कहा, ‘आपको रिपोर्ट को तुरंत स्पीकर को भेजना चाहिए था और सदन में चर्चा शुरू करनी चाहिए थी।’

कोर्ट ने कहा, 'टाइमलाइन एकदम साफ है। आपने विधानसभा सत्र बुलाने में कदम पीछे खींच लिए। एलजी के पास रिपोर्ट भेजने और इस मुद्दे पर देरी से आपकी ईमानदारी पर संदेह होता है।' अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार को रिपोर्ट्स को स्पीकर के पास भेजने में सक्रियता दिखानी चाहिए थी। जवाब में दिल्ली सरकार ने सवाल किया कि चुनाव के नजदीक विधानसभा सत्र कैसे हो सकता था।

पिछली सुनवाई पर दिल्ली विधानसभा के सचिवालय ने अदालत को बताया था कि सीएजी रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश करने से उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि कार्यकाल फरवरी में खत्म हो रहा है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, स्पीकर और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा था। दिल्ली सरकार ने बताया था कि सभी 14 रिपोर्ट्स को स्पीकर के पास भेजा जा चुका है।

भाजपा विधायकों ने सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में पेश किए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। भाजपा लंबे समय से मांग कर रही है कि सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया जाएगा। भाजपा का कहना है कि एक दर्जन से अधिक सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में वर्षों से लंबंति हैं।

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