डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़े हालात, छत्तीसगढ़ से दिल्ली एम्स आया मरीज लौटा, 90% घटी सर्जरी
- कोलकाता में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप के बाद उसकी हत्या की घटना को लेकर देशभर के डॉक्टर आक्रोशित हैं। आलम यह कि सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल से हालात खराब हो गए हैं। दिल्ली एम्स में मौजूदा सूरते-हाल पर एक रिपोर्ट...
Doctors Strike in Dlehi AIIMS: कोलकाता के एक अस्पताल में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप के बाद उसकी हत्या के विरोध में देशभर के सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इससे दूसरे दिन मंगलवार को भी अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित रहीं। खासकर दिल्ली में इस हड़ताल का बड़े पैमाने पर असर नजर आया। काफी मरीजों को बिना इलाज ही घर लौटना पड़ा। सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ झेल रहे इलाज के लिए दिल्ली एम्स आए छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी 47 वर्षीय मरीज को बिना इलाज ही घर लौटना पड़ा।
केवल इन मरीजों का इलाज, कुछ ने दिखाई दरियादिली
एम्स के एक अस्पताल कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से केवल पहले से अपॉइंटमेंट लेने वाले मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है। हालांकि, इलाज के लिए दर-दर भटक रहे मरीजों की बेबसी को देखते हुए कुछ रेजिडेंट डॉक्टर उनकी देखभाल करते देखे गए। यूनिट 2 पीडियाट्रिक्स में रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों का इलाज करते पाए गए।
छत्तीसगढ़ से आई महिला को नहीं मिला इलाज
रायपुर से आई एक महिला मरीज जो लंबे समय से एम्स में इलाज करा रही थी। वह सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल पहुंची लेकिन उसे इलाज नहीं मिल पाया। उसने कहा- मैं लंबे समय से यहां कार्डियोलॉजी की मरीज हूं। मैं रायपुर से आई हूं क्योंकि मुझे सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। मेरी अपॉइंटमेंट स्लिप पर मुहर नहीं लगी थी। इस वजह से मुझको कल फिर से आने के लिए कहा गया है।
यूपी के रामपुर से आए मरीज ने बयां किया दर्द
वहीं यूपी रामपुर के सोना गांव के 34 वर्षीय मरीज ने कहा कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से इलाज कराना मुश्किल है। मैं सुबह 7 बजे यहां आया था। मुझे सुबह से ही एक विभाग से दूसरे विभाग में भेजा जा रहा है। अब दोपहर के 2 बज चुके हैं। मैं एक जगह से दूसरी जगह भाग रहा हूं। अस्पताल में पहले से ही बड़ी संख्या में मरीज हैं।
डरा रहे आंकड़े
दिल्ली एम्स पर भी हड़ताल का व्यापक असर नजर आया। दिल्ली एम्स में हड़ताल से मंगलवार को 90 फीसदी सर्जरी घट गई। मरीजों के दाखिले में भी 65 फीसदी की कमी देखी गई। ओपीडी सेवाओं में भी 66 फीसदी की गिरावट देखी गई। सबसे ज्यादा गिरावट सर्जरी विभाग में नजर आई। सर्जरी में 90 फीसदी की कमी देखी गई।
क्या बोले डॉक्टर?
इस बीच, एक हजार से अधिक रेजिडेंट डॉक्टरों ने बैनर और पोस्टर लेकर अस्पताल परिसर में मार्च किया। डॉक्टरों ने 'सुरक्षा नहीं, तो ड्यूटी नहीं' और 'पीड़ितों के लिए न्याय' के नारे लगाए। एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा- डॉक्टर होने के नाते, हम विरोध प्रदर्शन और सेवाएं बाधित करना पसंद नहीं करते, लेकिन हमें अपने साथियों के लिए खड़ा होना पड़ेगा। सुरक्षा, सुरक्षित कामकाज का वातावरण और घटना की पारदर्शी जांच की मांग करना उचित है।