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दिल्ली की बसों में 77% महिलाओं को लगता है डर, ग्रीनपीस की रिपोर्ट में खुलासा; वजह भी बताई

दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए बस में मुफ्त सफर के लिए पिंक टिकट योजना शुरू की थी, जिसे पांच साल पूरे हो चुके हैं। बसों में महिलाओं के सफर को लेकर ग्रीनपीस ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें गंभीर चिंताओं को उजागर किया गया है।

Sneha Baluni नई दिल्ली। पीटीआईWed, 30 Oct 2024 08:57 AM
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दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए बस में मुफ्त सफर के लिए पिंक टिकट योजना शुरू की थी, जिसे पांच साल पूरे हो चुके हैं। बसों में महिलाओं के सफर को लेकर ग्रीनपीस ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें गंभीर चिंताओं को उजागर किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 75 प्रतिशत से अधिक महिलाएं रात में दिल्ली की बसों में यात्रा करते समय असुरक्षित महसूस करती हैं, जबकि दिल्ली सरकार की किराया-मुक्त बस यात्रा योजना ने महिलाओं को जारी की गईं 100 करोड़ ‘पिंक’ टिकटों का आंकड़ा पार कर लिया है।

अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट ‘राइडिंग द जस्टिस रूट’ में गैर-सरकारी संगठन ‘ग्रीनपीस इंडिया’ ने बताया कि सर्वे में शामिल 75 प्रतिशत महिलाओं ने ‘पिंक टिकट’ योजना से महत्वपूर्ण बचत देखी है, जिसमें से कई ने इस पैसे को घरेलू जरूरतों, आपात स्थितियों और स्वास्थ्य सेवा पर खर्च किया है। इसके अलावा, सर्वे में शामिल 25 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक बसों का उपयोग बढ़ा दिया है और महिलाएं जो पहले बसों से बचती थीं, अक्टूबर 2019 में योजना के शुरू होने के बाद से नियमित सवारी बन गई हैं।

रिपोर्ट में कहा गया कि महिलाओं की सुरक्षा संबंधी समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं, क्योंकि 77 प्रतिशत महिलाओं का मानना है कि रात के समय बसों में सफर करते समय उन्हें असुरक्षित महसूस होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाएं खराब रोशनी और बसों के अनियमित शेड्यूल की वजह से अंधेरा होने के बाद असुरक्षित महसूस करती हैं। कई महिलाओं ने उत्पीड़न की घटनाओं के बारे में भी बताया है, खासतौर से भीड़भाड़ वाली बसों में।

दिल्ली सरकार की 'पिंक टिकट' योजना के तहत, किसी भी महिला को बस से यात्रा करने के लिए भुगतान नहीं करना पड़ता है, लेकिन अगर महिला चाहे तो उसके पास टिकट खरीदने का विकल्प मौजूद है। ग्रीनपीस इंडिया के कैंपेनर आकिज फारूक ने कहा, 'इस योजना ने दिल्ली में महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन के दरवाजे खोले हैं। लेकिन इसे परिवर्तनकारी बनाने के लिए, हमें बसों के बेड़े का विस्तार करना होगा, सुरक्षा बढ़ानी होगी और सार्वजनिक परिवहन को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए अच्छी सेवाएं सुनिश्चित करनी होंगी।'

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