दिल्ली में शुरू हो गई यमुना की सफाई, पूरी गंदगी हटाने में कितना समय लगेगा? पूरा प्लान समझिए
- यमुना नदी की सफाई का काम शुरू हो गया है। दिल्ली उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर से इसपर अपडेट दी गई है। यमुना की सफाई के लिए चार सूत्रीय रणनीति भी बनाई गई है।
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दिल्ली चुनाव में यमुना सफाई का मुद्दा खूब गूंजा था। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इसके लिए आम आदमी पार्टी पर प्रचार के दौरान खूब निशाना साधा था। अरविंद केजरीवाल के यमुना में जहर वाले आरोप पर भी सियासी तलवारें खिंच गई थीं। अब दिल्ली में बीजेपी की सरकार शपथ लेने वाली है, पीएम मोदी ने यमुना नदी के चारों ओर शानदार रिवर फ्रंट बनाने का वादा किया है। इसी कड़ी में आज एक गुड न्यूज आई है। यमुना नदी की सफाई का काम शुरू हो गया है। दिल्ली उपराज्यपाल के कार्यालय की ओर से इसपर अपडेट दी गई है। यमुना की सफाई के लिए चार सूत्रीय रणनीति भी बनाई गई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि यमुना नदी की सफाई का काम शुरू हो गया है। कचरा निकालने वाली मशीनों,खरपतवार काटने वाली मशीनों और एक ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट ने आज नदी में सफाई अभियान शुरू कर दिया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कल मुख्य सचिव और ACS (I&FC) से मुलाकात की और उन्हें तुरंत काम शुरू करने के लिए कहा था। एलजी ऑफिस की तरफ से यमुना की सफाई के दो-तीन वीडियो भी शेयर किए गए हैं।
उपराज्यपाल कार्यालय ने आगे बताया कि इस समस्या से पूरी तरह निपटने के लिए चार-सूत्रीय रणनीति बनाई गई है-
1) सबसे पहले यमुना नदी के प्रवाह में मौजूद कचरा,मलबा और गाद हटाया जाएगा।
2) साथ ही, नजफगढ़ नाले, सप्लीमेंट्री नाले और अन्य सभी प्रमुख नालों में सफाई अभियान शुरू किया जाएगा।
3) इसी समय,मौजूदा एसटीपी की क्षमता और उत्पादन पर रोजाना निगरानी रखी जाएगी।
4) लगभग 400 एमजीडी सीवर के उपचार की वास्तविक कमी को पूरा करने के लिए नए एसटीपी/डीएसटीपी आदि के निर्माण के संबंध में एक समयबद्ध योजना बनाई जाएगी और उसे चालू किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य लगभग 3 वर्षों में नदी को साफ करना है।
क्रियान्वयन के लिए विभिन्न एजेंसियों और विभागों जिनमें डीजेबी, आईएंडएफसी, एमसीडी, पर्यावरण विभाग,पीडब्ल्यूडी और डीडीए शामिल हैं,के बीच निर्बाध समन्वय की आवश्यकता होगी। उपरोक्त कार्यों की निगरानी साप्ताहिक आधार पर उच्चतम स्तर पर की जाएगी। इसके अलावा,दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को शहर में इंडस्ट्री की ओर से नालों में मलबा, गंदा पानी छोड़ने पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।