दिल्ली में पॉलूशन फिर देगा टेंशन, 3 दिन धुंध का अलर्ट, पहली नंवबर तक कैसा रहेगा मौसम?
Delhi Pollution: दिल्ली वालों को हवा की गुणवक्ता में मिली मामूली राहत लंबी नहीं चलने वाली है। दिल्ली में प्रदूषण फिर से बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट…
Delhi Weather: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली हवा के बदले रुख के चलते शनिवार को सुबह हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ। हालांकि AQI 'खराब' श्रेणी में ही दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में सुबह 9 बजे दिल्ली का AQI 227 दर्ज किया गया, जो शुक्रवार को सुबह रिकॉर्ड किए गए 281 से कम है। मौसम विभाग की मानें तो यह राहत लंबी नहीं चलेगी प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण दो से तीन दिनों में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ सकता है।
मौसम विभाग की मानें तो मध्य-क्षोभमंडलीय पश्चिमी हवाओं में एक गर्त के रूप में बन रहा पश्चिमी विक्षोभ कमजोर हो गया है। इससे उत्तर पश्चिमी भारत में मौसम में बदलाव की उम्मीद भी धुंधली पड़ गई है। मौसम विभाग का कहना है कि दिल्ली एनसीआर के लोगों को एक्यूआई में मिली राहत एक-दो दिन ही कायम रहेगी। इसके बाद प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ सकता है। IMD ने 30 अक्टूबर से तीन दिन यानी पहली नवंबर तक सुबह के वक्त धुंध छाए रहने की चेतावनी दी है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 अक्टूबर तक AQI के 400 तक पहुंचने की आशंका है। हालांकि दिन में मौसम साफ रहने का अनुमान है। यानी इस हफ्ते दिल्ली एनसीआर के इलाकों में बारिश होने की संभावना नहीं है। वहीं मौसम कार्यालय ने अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है। वहीं न्यूनतम तापमान के 19-20 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। 26 से 29 अक्टूबर के दौरान दिन में सुबह से लेकर पूरे दिन आसमान साफ रहने का पूर्वानुमान है।
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली की ओर से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, बीते दो दिनों के दौरान हवा की गति में बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह से प्रदूषक कणों में थोड़ा बिखराव दर्ज किया गया है। हालांकि, यह मामूली राहत भी ज्यादा दिनों तक टिकने वाली नहीं है। अनुमान है कि अगले एक या दो दिनों के बाद हवा की रफ्तार सुस्त पड़ेगी। इसकी वजह से प्रदूषक कणों का स्तर बढ़ेगा। यही नहीं दिवाली के दौरान पटाखे जलाए जाने की आशंकाएं भी हैं। इससे हवा की गुणवत्ता एकबार फिर बेहद खराब या गंभीर श्रेणी में जाने की आशंका है।