Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi weather pattern is changing due to absence of western disturbance; minimum temperature is high after strong winds

Delhi weather: दिल्ली में इस कारण बदल रहा मौसम का मिजाज; तेज हवाओं के बाद भी न्यूनतम पारा हाई

पश्चिमी विक्षोभ नहीं आने से जनवरी महीना भी सामान्य से ज्यादा गर्म रहा और फरवरी में भी यही रुख बरकरार है। हालांकि, गुरुवार को तेज रफ्तार हवा ने राजधानी दिल्ली के तेजी से गर्म हो रहे मौसम पर कुछ हद तक रोक लगा दी है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हिन्दुस्तानFri, 14 Feb 2025 05:38 AM
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Delhi weather: दिल्ली में इस कारण बदल रहा मौसम का मिजाज; तेज हवाओं के बाद भी न्यूनतम पारा हाई

तेज रफ्तार हवा ने राजधानी दिल्ली के तेजी से गर्म हो रहे मौसम पर कुछ हद तक रोक लगा दी है। बीते तीन दिन में अधिकतम तापमान में लगभग 5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, अभी अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ज्यादा है।

दिल्ली में इस बार जनवरी महीना भी सामान्य से ज्यादा गर्म रहा। फरवरी में भी मौसम का गर्म रुख बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ नहीं आने के चलते लंबे समय से पूरे उत्तर भारत में अच्छी बारिश नहीं हुई है। इसके चलते मौसम गर्म और सूखा है।

दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र में गुरुवार को अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.4 डिग्री ज्यादा है। वहीं, न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1.8 डिग्री ज्यादा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 25 से 27 और न्यूनतम 09 से 11 डिग्री के बीच रह सकता है।

धूल नियंत्रण के उपाय न होने पर कार्रवाई

वहीं, राजधानी में निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर धूल नियंत्रण के समुचित उपाय नहीं करने वाले 1071 लोगों पर कार्रवाई की गई है। इन सभी पर पर्यावरण को क्षति पहुंचाने के लिए दो करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना किया गया।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2024 में धूल प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में गठित 500 से ज्यादा टीम ने 57,757 स्थानों पर छापे मारे। राजधानी में सालभर रहने वाले प्रदूषण में धूल एक बड़ा कारक है। इससे होने वाले प्रदूषण को भी दो हिस्सों में विभाजित किया जाता है। धूल और रेत के कण सबसे ज्यादा निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों से उठते हैं। वहीं, सड़कों पर रहने वाली धूल भी एक बड़ा कारक हैं।

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