यमुना में फिर बढ़ी अमोनिया; पूर्वी दिल्ली के इलाकों में प्रभावित होगी पानी की सप्लाई
दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा एकबार फिर बढ़ गई है जिससे जलापूर्ति प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है। असर वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधन संयंत्रों पर पड़ा है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एकबार फिर जलापूर्ति प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा फिर बढ़ गई है। इसका असर दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधन संयंत्रों पर पड़ा है। बताया जाता है कि इन दोनों ही संयंत्रों से कॉलोनियों में होने वाली पानी की आपूर्ति कम हो गई है।
पूर्वी दिल्ली के इलाके होंगे प्रभावित
इससे पूर्वी दिल्ली की कई कॉलोनियों में पानी की किल्लत हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि यमुना में अमोनिया का स्तर 7 मिलीग्राम प्रति लीटर तक पहुंच गया है। यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने का मतलब है कि पानी में घरेलू और औद्योगिक अपशिष्ट की मात्रा ज्यादा है। हालांकि यमुना के जल स्तर पर कोई असर नहीं पड़ा है।
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जलस्तर पर असर नहीं
आमतौर पर यमुना में जल स्तर 674 फुट पर देखा जाता है। अधिकारियों का कहना है कि अभी भी यह उतना ही है। इसी स्तर पर पानी मिल रहा है लेकिन अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कारण दिल्ली में पानी की आपूर्ति पर असर पड़ा है। बता दें कि चंद्रावल और वजीराबाद जल शोधन संयंत्र में यमुना का पानी ही काम में लिया जाता है। इसे साफ कर के दिल्ली की विभिन्न कॉलोनियों में जलापूर्ति की जाती है।
चंद्रावल और वजीराबाद प्लांटों पर असर
अधिकारियों का कहना है कि यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से चंद्रावल और वजीराबाद जल शोधन संयंत्र पर असर पड़ा है। गौरतलब है कि बीते दिनों भी दिल्ली में ऐसा संकट देखने में आया था। इसको लेकर सियासत भी गर्म हो गई थी। आम आदमी पार्टी ने इसके लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया था तो दूसरी ओर भाजपा ने दिल्ली सरकार पर हमला बोला था।