मोदी को मजबूती, केजरीवाल को झटका, राहुल गांधी का क्या होगा? दिल्ली में BJP की जीत के मायने क्या
- दिल्ली की सत्ता हासिल करने से भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर एक मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल सकती है। वहीं महाराष्ट्र और हरियाणा की हालिया जीत के बाद पार्टी का आत्मविश्वास और बढ़ गया है।
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27 साल बाद दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ी जीत मिली है। यह जीत भाजपा के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। इससे पहले 1993 से 1998 तक सत्ता में रही भाजपा ने लगभग तीन दशकों की हार का सिलसिला तोड़ दिया है। इस जीत का श्रेय पार्टी पीएम मोदी के नेतृत्व को पार्टी की योजनाओं को दे रही है। इस चुनावी नतीजे ने भाजपा को नया संजीवनी दे दिया है। दिल्ली की सत्ता हासिल करने से भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर एक मनोवैज्ञानिक बढ़त मिल सकती है। वहीं महाराष्ट्र और हरियाणा की हालिया जीत के बाद पार्टी का आत्मविश्वास और बढ़ गया है।
केजरीवाल की हार के मायने क्या
तीसरी बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे अरविंद केजरीवाल को इस चुनाव में करारा झटका लगा। आम आदमी पार्टी (आप) की मुख्य चुनावी घोषणाएं मुफ्त बिजली और महिलाओं को 2,100 रुपये का भत्ता देने से जुड़ी थीं, लेकिन जनता ने भाजपा को मौका दिया। आप कभी ईमानदार राजनीति और जनहितैषी योजनाओं के दम पर सत्ता में आई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों ने इसकी छवि को बुरी तरह प्रभावित किया।
कथित शराब घोटाले में केजरीवाल और उनके दो मंत्री जेल में हैं, जिस पर विपक्ष ने जमकर हमला बोला। इसके अलावा, दिल्ली में 'शीशमहल' नाम से चर्चित आलीशान मुख्यमंत्री आवास का मुद्दा भी पार्टी के खिलाफ गया। इस हार के बाद केजरीवाल का राजनीतिक भविष्य खतरे में दिख रहा है। उनकी पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ सकता है और उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के केस भी उनकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
कांग्रेस का सूपड़ा साफ
दिल्ली में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। इंडिया गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद कांग्रेस और आप के बीच कोई समझौता नहीं हुआ, जिससे विरोधी वोट बंट गए और भाजपा को सीधा फायदा मिला। कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की विरासत को भुनाने की कोशिश की, लेकिन मतदाताओं ने इसे नकार दिया। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की लगातार हार ने उनकी रणनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। तेलंगाना राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता के.टी. रामाराव ने तंज कसते हुए राहुल गांधी को 'भाजपा की जीत में मदद करने' के लिए बधाई तक दे डाली। इस हार के बाद कांग्रेस की फिर से वापसी करने की संभावना और कमजोर हो गई है और राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता को लेकर पार्टी के अंदर ही असंतोष पनप सकता है।
भाजपा की जीत के मायने
दिल्ली में भाजपा की जीत सिर्फ एक चुनावी सफलता नहीं है, बल्कि इसे राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है। इससे मोदी सरकार की पकड़ मजबूत होगी और 2029 के आम चुनावों की रणनीति पर भी इसका असर पड़ सकता है। वहीं, आप और कांग्रेस के लिए यह नतीजे एक बड़े एक बार फिर से सोचने पर मजबूर करते हैं।