दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शिक्षा विभाग को लिखी चिट्ठी, स्कूलों के सिलेबस में यातायात का पाठ जोड़ने की गुहार
दिल्ली में सड़क हादसों को कम करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने स्कूलों में छात्रों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाने की सिफारिश की है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने शिक्षा विभाग के सचिव को चिट्ठी भी लिखी है।

दिल्ली में सड़क हादसों को कम करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने स्कूलों में छात्रों को ट्रैफिक नियमों का पाठ पढ़ाने की सिफारिश की है। इसके लिए ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने शिक्षा विभाग के सचिव को चिट्ठी भी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि राजधानी के स्कूलों के पाठयक्रम में ट्रैफिक नियमों का पाठ शामिल किया जाए। इससे बच्चे सड़क नियमों के प्रति जागरूक होंगे और वह जब दिल्ली में सड़कों पर वाहन चलाने निकलेंगे तो बेहतर तरीके से नियमों का पालन करेंगे।
स्पेशल कमिश्नर अजय चौधरी ने शिक्षा विभाग को भेजे पत्र में लिखा है कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 और सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल 1989 में सड़क सुरक्षा को लेकर बेहतर नियम बने हुए हैं।
इन नियमों के पाठ अगर स्कूली छात्रों को पढ़ाए जाएंगे तो इससे दोहरा लाभ मिलेगा। एक तरफ जहां स्कूली बच्चे सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक होंगे, तो दूसरी तरफ कम उम्र में ही उन्हें पता चलेगा कि सड़क पर एक जिम्मेदार चालक की क्या भूमिका होती है। यह बच्चे जब भविष्य में सड़क पर गाड़ी चलाएंगे तो ट्रैफिक नियमों का बेहतर ढंग से पालन करेंगे। ट्रैफिक नियमों का पालन सड़क पर जितना बढ़ेगा, सड़क हादसों में उतनी ही कमी आएगी।
अजय चौधरी ने पत्र में लिखा है कि केरल में सड़क सुरक्षा को लेकर इस तरह का पाठयक्रम स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार एवं चंडीगढ़ में भी इस तरह की योजना तैयार की गई है, जिसमें बच्चों को स्कूल के भीतर सड़क सुरक्षा से संबंधित पाठ पढ़ाए जाएंगे, इसलिए वह शिक्षा विभाग से अनुरोध करते हैं कि इस तरह का पाठ्यक्रम तैयार कर उसे स्कूलों में पढ़ाने के लिए लागू किया जाए।
स्कूलों में चलाए जाते हैं कार्यक्रम
ट्रैफिक पुलिस की सड़क सुरक्षा सेल द्वारा स्कूलों में लगातार जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में कम समय मिलने के चलते छात्रों को केवल सामान्य जानकारी दी जाती है। जबकि सड़क पर वाहन चलाने वाले प्रत्येक वाहन चालक को इससे संबंधित पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसलिए ट्रैफिक पुलिस इसे पाठयक्रम में शामिल कराना चाहती है।
स्कूल में यातायात शिक्षा नहीं भूलेंगे छात्र
ट्रैफिक पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्कूल में अगर यह पाठ पढ़ाया जाएगा, तो उसकी परीक्षा भी आयोजित होगी। परीक्षा के लिए छात्र बेहतर ढंग से इसे पढ़कर याद करेंगे। ऐसा करने से स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद भी छात्रों को यातायात नियमों की पूरी जानकारी रहेगी। इसके अलावा वह अपने परिवार एवं रिश्तेदारों को भी यातायात नियमों का पालन करने के लिए बाध्य करेंगे।
ये पाठ कोर्स में हों
■ सड़क सुरक्षा जागरुकता एवं यातायात नियम
■ यातायात चिह्न (साइन) एवं सिग्नल
■ जिम्मेदार वाहन चालक की भूमिका
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