इंजीनियरों के सस्पेंशन ऑर्डर तैयार रखे विभाग, दिल्ली के PWD मंत्री प्रवेश वर्मा का क्या प्लान
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर प्रवेश वर्मा ने विभाग को निर्देश दिया है कि 335 असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियरों के सस्पेंशन ऑर्डर तैयार कर लिए जाएं। वर्मा ने यह निर्देश मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा मानसून की तैयारियों पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद जारी किए।

दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर प्रवेश वर्मा ने विभाग को निर्देश दिया है कि 335 असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियरों के सस्पेंशन ऑर्डर तैयार कर लिए जाएं। वर्मा ने यह निर्देश मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा मानसून की तैयारियों पर आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद जारी किए।
दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने पीडब्ल्यूडी को निर्देश दिया कि 335 असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियरों के निलंबन आदेश पहले से तैयार कर लिए जाएं। यह आदेश मानसून के दौरान उन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति में जारी किए जाएंगे, जहां इन अधिकारियों को स्थानीय प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
वर्मा ने कहा कि दिल्ली को जलभराव से मुक्त करना सिर्फ एक लक्ष्य नहीं है, यह हमारी जिम्मेदारी है। हमने हर बिंदु पर इंजीनियरों को जवाबदेह बनाया है। उन्हें स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि किसी भी लापरवाही पर उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कुल 335 जलभराव वाले हॉटस्पॉट की पहचान की गई है। इंजीनियरों को इन साइटों के स्थानीय प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है। मैंने विभाग को निलंबन आदेश पहले से तैयार करने का निर्देश दिया है। अगर कोई अधिकारी अपना काम नहीं करता या उसके क्षेत्र में जलभराव होता है तो अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया जाएगा। ये इंजीनियर जल निकासी प्रणालियों, उपकरणों की उपलब्धता, साइट की देखरेख और आपातकालीन रिस्पांस की निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है कि मानसून से पहले सभी आवश्यक तैयारियां पूरी हो जाएं।
पीडब्ल्यूडी के अनुसार, 2023 में 308 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई थी, जो 2024 में घटकर 194 रह गए। इस साल ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, शहर भर में 445 जलभराव बिंदुओं की पहचान की गई है। इसके अलावा, सात गंभीर हॉटस्पॉट हैं, जिनकी निगरानी सीधे चीफ इंजीनियर द्वारा की जाएगी।
वर्मा ने आगे बताया कि एक प्रोजेक्ट इंजीनियर को समीक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है। वह पूरी व्यवस्था की निगरानी करेगा और रिपोर्ट तैयार करेगा। इसके अलावा, जलभराव वाले हर इलाके में तीन शिफ्टों में 24 घंटे पंप ऑपरेटर तैनात किए जाएंगे। इन ऑपरेटरों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर वे तत्काल कार्रवाई कर सकें।
इससे पहले एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जलभराव वाले सभी बिंदुओं पर नियुक्त नोडल अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर अपने-अपने क्षेत्रों के लिए कार्ययोजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। पीडब्ल्यूडी को भी व्यापक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने मानसून से पहले ही युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। नालों की गहन सफाई, जल निकासी व्यवस्था की मरम्मत और पुनर्निर्माण, निगरानी व्यवस्था सहित सरकार हर जरूरी पहलू पर काम कर रही है। सरकार का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इस मानसून में जनता को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
(एजेंसी से इनपुट)