Hindi Newsएनसीआर न्यूज़delhi pollution patients suffering from respiratory issues by nearly 10 to 15 per cent in national capital

दिल्ली में सांसों पर भारी पड़ रहा पॉलूशन, अस्पतालों में बढ़े मरीज, कैसे करें बचाव?

Delhi Pollution News: राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के बीच सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यदि आप वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों को कम करना चाहते हैं तो…

Krishna Bihari Singh एएनआई, नई दिल्लीMon, 21 Oct 2024 04:23 PM
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दिल्ली एनसीआर के इलाकों में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। इसका लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। खासकर उन लोगों के लिए जो सांस संबंधी तकलीफों एवं अन्य जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे हैं। आलम यह है कि अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। यही नहीं संक्रमण के मामले भी बढ़े हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि यदि आप वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों को कम करना चाहते हैं तो N95 फेस मास्क का इस्तेमाल करें।

इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के श्वसन संबंधी बीमारियों और नींद की दवा विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजेश चावला ने बताया कि वायु प्रदूषण से सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या में करीब 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यही नहीं संक्रमण की दर भी बढ़ रही है। हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर, पीएम 10 और पीएम 2.5 और सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसों के कारण लोग आंखों से पानी आने की शिकायतें कर रहे हैं।

डॉ. राजेश चावला ने कहा कि सांस की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या बढ़ने के चलते अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस वजह से अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) को नियंत्रित करने वाली दवाओं की खपत बढ़ रही है। वायु प्रदूषण एक धीमा जहर है जो खासकर बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। वायु प्रदूषण के प्रभावों को रोकने के लिए N95 मास्क का इस्तेमाल करना जरूरी है।

डॉ. राजेश चावला ने कहा कि लोग सावधानी बरतने के लिए अपनी खिड़कियां और दरवाजे बंद कर के रख रहे हैं। फिर भी संक्रमण बढ़ता दिख रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. राजेश चावला का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या गहराने लगी है। डिजिटल प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, 36 फीसदी परिवारों में एक या एक से अधिक सदस्य गले में खराश, खांसी और सांस लेने में तकलीफ की समस्या से पीड़ित हैं।

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