जस्टिस वर्मा के घर अधजले नोट वाला एरिया पुलिस ने किया सील, किसके कहने पर पहुंची थी?
कैश बरामदगी के मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की एक टीम बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर पहुंची।

दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में लगी आग के बाद कथित भारी मात्रा में कैश बरामदगी के मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की एक टीम बुधवार को उनके सरकारी आवास पर पहुंची। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास में आग लगने वाले स्थान (स्टोर रूम) और उसके आसपास की जगह को सील कर दिया।
पुलिस ने यह कार्रवाई जांच कमेटी के निर्देश के बाद की है। पुलिस टीम की अगुवाई खुद नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश महाला कर रहे थे। उनके साथ तुगलक रोड के एसीपी वीरेंद्र जैन और कोर्ट के दो-तीन कर्मी भी अंदर गए थे। दिल्ली पुलिस की टीम बुधवार दोपहर करीब 2 बजकर 15 मिनट पर जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर पहुंची। इस टीम ने स्टोर रूम का मुआयना किया, जहां 14 मार्च की रात करीब साढ़े 11 बजे आग लगी थी।
इसके बाद पुलिस टीम ने उस जगह को सील कर दिया। टीम करीब दो घंटे तक घटनास्थल पर रही। पुलिस टीम ने बताया कि वह जांच कमेटी के निर्देश पर टीम जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर पहुंची है। बता दें कि बीते 14 मार्च की रात करीब 11 बजकर 35 मिनट पर कंट्रोल रूम को वर्मा के आवास पर आग लगने की सूचना मिली थी। इसके बाद दो दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया था।
दमकल कर्मियों ने रात करीब 11 बजकर 48 मिनट पर काबू पा लिया गया। मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने देखा कि आग स्टोर रूम में रखे सामान में आग लगी है। करीब 15 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया था। घटना के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ था। आग बुझाने के बाद अग्निशमन विभाग के कर्मियों की टीम मौके से चली गई थी।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ उनके अधिकारिक आवास से बड़े पैमाने पर नकदी मिलने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। याचिका में कहा गया है कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की जरूरत है।
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस वर्मा ने इन-हाउस जांच समिति के समक्ष पेश होने से पहले बुधवार को वकीलों की एक टीम से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल, मेनका गुरुस्वामी, अरुंधति काटजू और अधिवक्ता तारा नरूला से कानूनी राय मांगी। उम्मीद है कि इस हफ्ते सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त इन-हाउस समिति के सामने जस्टिस वर्मा उपस्थित हो सकते हैं।
(हिन्दुस्तान संवाददाता का इनपुट भी शामिल)