दिल्ली में पाकिस्तानियों की खोजबीन, हिंदू शरणार्थियों के लिए गुड न्यूज, किन्हें छूट?
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में भी पाकिस्तानियों की खोजबीन शुरू हो गई है। पुलिस ने वैरिफिकेशन अभियान शुरू किया है।

दिल्ली में भी पाकिस्तानियों की खोजबीन शुरू हो गई है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वैरिफिकेशन अभियान शुरू किया गया है। हालांकि दिल्ली पुलिस सुनिश्चित करेगी कि किसी को भी बिना वजह परेशान नहीं किया जाए। केंद्र सरकार के पाकिस्तानियों के देश छोड़कर चले जाने की एडवाइजरी के बाद दिल्ली के मजनू का टीला में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी चिंतित हैं। हालांकि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से दिए गए दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) वैध रहेंगे।
बता दें कि भारत सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा 27 अप्रैल से रद्द कर दिए जाएंगे। हालांकि सरकार ने बाद में स्पष्ट किया कि हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों को पहले से दिए गए एलटीवी वैध रहेंगे। इस बीच सरकार के फैसले से डरे कई हिन्दू शरणार्थियों का कहना है कि वे अपने भाग्य को लेकर चिंतित हैं क्योंकि उनके वीजा का हर दो साल में रिन्यू किया जाता है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, हर दो साल में लॉन्ग टर्म वीजा बढ़ाया जाता है। मजनू का टीला में रहने वाले कई पाकिस्तानी हिंदुओं को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत भारतीय नागरिकता मिल गई है। वहीं कई ऐसे भी हैं जिनके आवेदन अभी भी लंबित हैं। मजनू का टीला में हिंदू शरणार्थी समुदाय के अध्यक्ष सोना दास ने कहा कि कई परिवार वर्षों से दिल्ली में रह रहे हैं। ये लोग दस्तावेजों के सत्यापन के बाद समय-समय पर अपने वीजा का रिन्यू कराते रहते हैं।
हिंदू शरणार्थी समुदाय के अध्यक्ष सोना दास ने कहा- कई परिवार एक या दो महीने पहले ही पाकिस्तान से आए हैं। कुछ मजनू का टीला के पास शिविरों में रह रहे हैं जबकि अन्य ने सिग्नेचर ब्रिज के नीचे शरण ली है। वहीं मजनू के टीला में हिंदू शरणार्थियों के एक अन्य समूह के अध्यक्ष दयाल दास ने कहा कि जब हम यहां आए थे, तो हमें दो साल के लिए वीजा दिया गया था। अब इसे हमें बढ़वाना होगा।
मजनू का टीला में एक चाय की छोटी सी दुकान संचालित करने वाले कन्हैया ने कहा कि यदि हमें दिल्ली छोड़ने के लिए कहा गया तो हमारे पास जीने का कोई रास्ता नहीं होगा। एक अन्य रिफ्यूजी कैंप के प्रमुख दयाल दास ने कहा कि पुलिस ने हाल में उनसे संपर्क किया और नागरिकता प्राप्त करने वाले निवासियों और कितने नए परिवार आए हैं, इसके बारे में जानकारी मांगी। बीते दो महीनों में ही पाकिस्तान से 10 से 12 नए परिवार यहां आए हैं। अब दस्तावेजों की जांच हो रही है तो हमें नहीं पता कि यहां रहने दिया जाएगा या वापस भेज दिया जाएगा।
गृह मंत्रालय के दस्तावेज के अनुसार, दीर्घकालिक वीजा (एलटीवी) के लिए पात्र व्यक्तियों की चार श्रेणियां हैं। 1- पाकिस्तान/बांग्लादेश/अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) के सदस्य। 2- पाकिस्तान/बांग्लादेश की महिलाएं जो भारतीय नागरिकों से विवाहित हैं और भारत में रह रही हैं। अफगानिस्तान के नागरिक जो भारत में भारतीयों से विवाहित हैं और भारत में रह रहे हैं। 3- पाकिस्तान/बांग्लादेश/अफगानिस्तान में रहने वाली भारतीय मूल की महिलाएं।