दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल के मर्डर के पीछे की वजह आई सामने, पुलिस को मिला CCTV फुटेज
दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में शनिवार सुबह गश्त पर निकले एक सिपाही की बदमाशों ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी। यूपी के बुलंदशहर का रहने वाला किरन पाल गोविंदपुरी थाने में तैनात था। पुलिस ने दो आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है।
दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में शनिवार सुबह गश्त के दौरान दिल्ली पुलिस के सिपाही किरणपाल की बदमाशों ने चाकू मारकर हत्या कर दी। मामले में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिला है। इसमें आरोपी वारदात के बाद भागते दिखाई दे रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, प्राथमिक छानबीन में पुलिस को पता चला है कि शनिवार तड़के कॉन्स्टेबल किरणपाल गश्त पर निकला था। इस दौरान तीन युवक गली संख्या 13 के पास खड़े थे। गश्त कर रहे किरणपाल ने शक होने पर जब उनसे पूछताछ की तो वो झगड़ा करने लगे। इस बीच, किरणपाल ने जब उन्हें पकड़ने का प्रयास किया तो बदमाशों ने चाकू से उस पर हमला कर हत्या कर दी।
क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त आयुक्त संजय भाटिया ने बताया कि सिपाही की हत्या के मामले की जांच में पुलिस की कई टीमें जुटी थीं। सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया, जिसमें पता चला कि इनमें से एक आरोपी दीपक है। यह भी पता चला कि वह कालकाजी इलाके में मिल सकता है। एसीपी उमेश बड़थ्वाल की टीम को सूचना मिली कि एक हमलावर गोविंदपुरी डीडीए फ्लैट इलाके में छिपा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने घेराबंदी कर उसे सरेंडर करने के लिए बोला तो उसने पुलिस टीम पर गोली चला दी। इस पर पुलिस ने भी सेल्फ डिफेंस में जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई। गोली बदमाश के पैर में लगी, जिससे वह गिर गया। पुलिस टीम ने उसे काबू कर अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद आरोपी से पूछताछ के बाद एक अन्य आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अब तीसरे आरोपी की तलाश में दबिश दी जा रही है। पकड़े गए दोनों आरोपियों की पहचान कालकाजी निवासी दीपक और कृष के रूप में हुई है।
सुबह उठने पर वारदात का पता चला : पुलिस के अनुसार, वारदात के समय लोगों को इस घटना की जानकारी नहीं मिली। जब सुबह लगभग 5.30 बजे लोग घर से बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि वर्दी में पुलिसकर्मी खून से लथपथ हालत में पड़ा है। उन्होंने तुरंत पुलिस को घटना की सूचना दी। मौके पर सिपाही की बाइक गिरी हुई थी। सूचना मिलते ही मौके पर जिले के कई आला अधिकारी पहुंच गए। किरण के पेट और छाती पर धारदार हथियार से वार किए गए थे।
दहशत में हैं लोग : सिपाही की हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। यहां स्थानीय लोग इस बात से हैरान हैं कि इस जगह पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब बदमाशों पर लगाम लगाने वाले पुलिस कर्मियों पर जानलेवा हमला हो रहा है तो ऐसे में आम लोगों की सुरक्षा कैसे होगी। शनिवार दोपहर बाद एम्स की मोर्चरी से पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। अस्पताल में किरणपाल का बड़ा भाई सोनू, मामा अमरपाल और कालीचरण सहित कई अन्य रिश्तेदार पहुंचे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सभी आरोपी को सख्त सजा देने की मांग कर रहे थे।
ननिहाल में रहता था किरणपाल
किरणपाल शिकारपुर क्षेत्र के गांव याकूबपुर का रहने वाला था। वह बचपन से ही किन्ही कारणों की वजह से अपनी मां व बड़े भाई सोनू के साथ ननिहाल सिहालीनगर में मामा के घर आकर रहने लगा था। जहां उसकी मां ने मेहनत मजदूरी कर किरणपाल को अच्छी शिक्षा दिलाई थी, जिसके बाद वह दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। किरणपाल का बड़ा भाई सोनू दिल्ली में ही प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। परिवार को घटना के बारे में पुलिसकर्मी ने सूचना दी।
गांव में लोगों को नहीं हो रहा विश्वास
किरणपाल की हत्या की खबर जैसे ही उसके गांव सिहाली नगर में मिली तो लोगों को एक बार विश्वास नहीं हुआ। उसके बाद परिजनों ने संबंधित थाने से जानकारी ली, जो सही थी। ग्रामीणों ने बताया कि किरणपाल पढ़ने-लिखने में बहुत होनहार था।
सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं
वारदात के बाद दहशत में आए स्थानीय लोगों ने इलाके में पुलिस कर्मियों की संख्या एवं गश्त बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि सुरक्षा के लिए इलाके में गश्त करने वाले पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। उनका आरोप है कि पूरे इलाके के आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों का गुरु रविदास मार्ग एवं 13 नंबर गली में जमावड़ा लगता है।
अवैध रेहड़ियों के कारण लगता है जमावड़ा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अपराधियों के एकत्रित होने का सबसे बड़ा कारण गली संख्या 13 के बाहर तिराहे पर देर रात तक लगने वाली रेहड़ियां हैं। यहां देर रात तक अंडे, मोमोज, चाय, सिगरेट आदि की रेहड़ियां लगी रहती हैं। ऐसे में रात के समय में निकले अराजक तत्व यहां देर रात तक जुटे रहते हैं। इससे परेशानी होती है।