दिल्ली पुलिस ने नामी ब्रांड का नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी, 3 राज्यों में छापेमारी; 5 लोग गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नामी ब्रांड के डिब्बों में पैककर नकली देसी घी सहित अन्य खाद्य सामग्री बनाने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन दिन तक दिल्ली, यूपी और हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नामी ब्रांड के डिब्बों में पैककर नकली देसी घी सहित अन्य खाद्य सामग्री बनाने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन दिन तक दिल्ली, यूपी और हरियाणा में अलग-अलग स्थानों पर छापा मार कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि हरियाणा के जींद जिले में नकली खाद्य सामग्री बनाने वाली एक फैक्टरी का भी भंडाफोड़ किया है।
पुलिस ने फैक्ट्री से नकली देसी घी के अलावा डालडा घी और रिफाइंड तेल सहित कच्चा माल, पैकिंग सामग्री, पैकिंग मशीनें, वजन मशीनें और विभिन्न ब्रांड के सामानों के पैकेट जब्त किए हैं। पुलिस ने जींद में नकली सामान भंडारण और आपूर्ति के लिए बनाया गया गोदाम भी सील कर दिया है। इस गोदाम में अमूल, वेरका, नेस्ले एवरी डे, मधुसूदन, आनंद, परम, मदर डेयरी, मिल्कफूड, पतंजलि, सरस जैसे प्रमुख ब्रांडों के पैक किए गए उत्पाद बड़ी मात्रा में रखे गए थे।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि एक गिरोह विभिन्न नामी ब्रांड के डिब्बों में नकली देसी घी सहित अन्य साद्य सामग्री बनाकर बेच रहा है। सूचना के आधार पर एक टीम को गिरोह के पीछे लगाया। टीम ने जानकारी जुटाकर दिल्ली, यूपी में मोदीनगर व मथुरा और हरियाणा के जींद जिले में छापेमारी कर पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
फेसबुक समूह का भी खुलासा : क्राइम ब्रांच ने नकली उत्पाद खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल हो रहे एक फेसबुक समूह का भी जांच के दौरान खुलासा किया है। हालांकि, यह समूह खासतौर से स्टेशनरी और कॉस्मेटिक सामान की खरीद-फरोख्त के लिए बनाया गया था। इसका इस्तेमाल मथुरा निवासी रितिक खंडेलवाल काफी समय से कर रहा था, जबकि इस तरह के अन्य सोशल मीडिया समूह के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अमूल और ईएनओ कंपनी के अधिकारियों ने छापेमारी कर रही टीम की मिलावटी उत्पादों की पहचान करने में मदद की है। गिरोह के बारे में सूचना मिलने पर खाद्य पदार्थों में मिलावट के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जांच शुरू की गई। अलग-अलग स्थानों से आरोपियों को दबोच लिया। तीन आरोपियों को पुलिस ने दिल्ली से दबोचा है, जबकि दो को जींद से गिरफ्तार किया है।
पांचों आरोपी अलग-अलग स्थानों से नकली उत्पाद बनाने और बेचने में जुटे थे
रितिक खंडेलवाल
यूपी के मथुरा निवासी रितिक 12वीं कक्षा पास है। वर्ष 2023 में नकली उत्पाद खरीदने पर केंद्रित एक फेसबुक समूह से प्रेरित होकर उसने दिल्ली के सदर बाजार से स्टेशनरी आइटम खरीदने शुरू किए थे। वह छह महीन इस धंधे में लिप्त था।
रोहित अग्रवाल
यूपी के मोदी नगर निवासी रोहित ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वह घर-घर जाकर मार्केटिंग करने का काम करता था। 2023 में उसने मिलावटी उत्पादों का कारोबार शुरू किया था। दिल्ली के बवाना में वह अपने कारखाने में ईएनओ भी बनाने लगा था।
संजय बंसल
शाहदरा के कांति नगर निवासी संजय ने स्नातक तक पढ़ाई की है। खारी बावली में एक कलेक्शन एजेंट के रूप में नौकरी की, जहां उसकी मुलाकात राजू से हुई, उसने नकली उत्पादों में डील करने के गुर सीखे। वह 2011 में इस अवैध कारोबार में लिप्त हो गया था।
कृष्ण गोयल
जींद निवासी कृष्ण पिछले डेढ़ वर्ष से नरेश सिंघला के साथ साझेदारी में यह धंधा कर रहा है। नरेश पिछले दो वर्ष से फैक्टरी चला रहा है, जबकि कृष्ण गोयल उससे मिलावटी और नकली देसी घी खरीदकर रितिक खंडेलवाल को बेचता है।
अश्वनी उर्फ आशु
हरियाणा के जींद निवासी अश्वनी कृष्ण गोयल का दूर का रिश्तेदार है। अपनी कार और अन्य साधनों का उपयोग करके दिल्ली व अन्य स्थानों पर नकली देसी घी की आपूर्ति करने में सक्रिय रूप से शामिल है।
यू करें असली और नकली की पहचान
घी को गर्म करें : घी की शुद्धता जांचने के लिए उसे गर्म करके देखें। अगर घी शुद्ध होगा, तो वह तुरंत पिघल जाएगा और उसका रंग भूरा हो जाएगा। वहीं, मिलावटी घी को पिघलने में समय लगता है और उसका रंग पीला होता है।
आयोडीन जांच : घी की शुद्धता को जांचने का एक आसान तरीका है आयोडीन टेस्ट। थोड़ा-सा घी लें और उसमें कुछ बूंदें आयोडीन डालें। अगर घी शुद्ध होगा तो उसके रंग में कोई बदलाव नहीं होगा।
डबल बॉइलर तरीका : जांचने का ये भी एक आसान तरीका है कि घी को डबल बॉइलिंग मेथड से गर्म करें। शुद्ध घी पूरी तरह से पिघल जाएगा, लेकिन मिलावटी घी में एक समान नहीं पिघलेगा और पीछे कुछ न कुछ रेसिड्यू छोड़ देगा।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड टेस्ट : शुद्धता को परखने के लिए सबसे पहले थोड़ा-सा घी लें और उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाएं। इसे ऐसे समझें कि अगर 2 मि.ली. घी में 5 मि.ली. हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाते हैं और उसका रंग लाल हो जाए, तो समझ जाएं कि घी में मिलावट है।
पानी में मिलाकर देखें : एक चम्मच घी को गर्म पानी के गिलास में डालें और मिलाएं। शुद्ध घी पानी में अच्छी तरह मिल जाएगा। वहीं मिलावटी घी पानी में पूरी तरह नहीं मिलेगा और कुछ न कुछ अशुद्धियां पानी में नजर आने लगेंगी।
हाथ पर लगाकर देखें : शुद्ध घी में छोटे-छोटे दानें जैसा देखने को मिलता है। ये ग्रेन्योल्स पूरे घी में एक समान देखने को मिलते हैं। उसे हाथ पर मिलाते ही आपको चिपचिपाहट और असमान रूप से मिले ग्रेन्योल्स महसूस होंगे।
शरीर के कई अंगों पर दुष्परिणाम
एम्स के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. इंद्रशेखर ने कहा, ''डालडा या रिफाइंड से बनाए जाने वाला देसी घी अनसेच्यूरेटेड फैट की श्रेणी में आता है। अनसैचुरेटेड फैट शरीर के लिए बेहद नुकसानदेह है। इसके निरंतर इस्तेमाल से लिवर और आंतों से संबंधित बीमारी, डायबिटीज, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, थ्रोंबोसिस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा अगर घी में कोई अन्य केमिकल मिलाया जाता है तो उसके और भी खतरनाक परिणाम आ सकते हैं।''