Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi Police arrest Medha Patkar in defamation case filed by LG VK Saxena 24 years ago

मेधा पाटकर गिरफ्तार, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना मानहानि केस में ऐक्शन

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की मानहानि केस में दिल्ली पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 23 अप्रैल को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। मेधा पाटकर को आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमानी भंडारी (एचटी)Fri, 25 April 2025 11:27 AM
share Share
Follow Us on
मेधा पाटकर गिरफ्तार, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना मानहानि केस में ऐक्शन

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की मानहानि केस में दिल्ली पुलिस ने सोशल एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। दो दिन पहले ही दिल्ली की साकेत कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। डीसीपी (साउथ ईस्ट) रवि कुमार सिंह ने मेधा पाटकर की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। उन्हें आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "मेधा पाटकर को शुक्रवार सुबह निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। दोपहर में उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।"

साकेत जिला कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज (एएसजे) विशाल सिंह ने 23 अप्रैल को मेधा पाटकर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। वह वी.के. सक्सेना द्वारा दायर मानहानि के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद प्रोबेशन पर रिहा होने की शर्तों 25,000 रुपये का बॉन्ड जमा करने और 1 लाख रुपये का मुआवजा देने में विफल रही थीं। उन्हें मई 2024 में पांच महीने की कैद और जुर्माना की सजा सुनाई गई थी।

एएसजे विशाल सिंह ने 8 अप्रैल को जारी आदेश के क्रियान्वयन को स्थगित करने की मांग करने वाली पाटकर की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्हें निर्देश दिया गया था कि शर्तों को 23 अप्रैल तक पूरा किया जाए।

जज ने मेधा पाटकर की याचिका को ओछी और शरारतपूर्ण" तथा अदालत को धोखा देने वाला बताते हुए कहा था कि सजा के आदेश का पालन करने के लिए अदालत में उपस्थित होने के बजाय, दोषी अनुपस्थित रहा और जानबूझकर आदेश का पालन करने में विफल रही।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर के माध्यम से वारंट जारी करते हुए अदालत ने कहा कि यदि पाटकर अगली सुनवाई तक उसके पिछले आदेश का पालन करने में विफल रहीं तो अदालत को उनकी सजा पर पुनर्विचार करने तथा सजा संबंधी अपने आदेश में बदलाव करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

क्या है मामला

वीके सक्सेना ने नेशनल काउंसिल ऑफ सिविल लिबर्टीज के अध्यक्ष के रूप में मेधा पाटकर के खिलाफ 24 नवंबर 2000 को जारी उनकी मानहानिकारक प्रेस रिलीज के लिए मामला दर्ज कराया था। पिछले साल 24 मई को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा था कि पाटकर ने अपने बयान में सक्सेना को ‘कायर’ कहा था तथा हवाला लेन-देन में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाया था, जो न केवल मानहानिकारक थे, बल्कि उनके बारे में नकारात्मक धारणा को भड़काने के लिए गढ़े गए थे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें