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दिल्ली-NCR में इस बार देर तक बरसेंगे बदरा, मॉनसून की विदाई में देरी के पीछे क्या वजह

मौसम विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के अनुसार, दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सितंबर के आखिरी सप्ताह और अक्टूबर के पहले सप्ताह में भारी बारिश होने की संभावना है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 20 Sep 2024 12:22 AM
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मॉनसून इस बार दिल्ली-एनसीआर पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। ऐसे में अब भी लगभग हर दूसरे दिन मध्यम से भारी बारिश हो रही है। इसे देखते हुए यहां रहने वालों को जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के अनुसार, दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सितंबर के आखिरी सप्ताह और अक्टूबर के पहले सप्ताह में भारी बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग का यह पूर्वानुमान उन अनुमानों के साथ आया है कि दिल्ली से मॉनसून की विदाई में अक्टूबर के पहले सप्ताह तक देरी हो सकती है। दिल्ली में सितंबर की शुरुआत में वार्षिक और औसत वर्षा दोनों ही कुल वर्षा 1,000 मिमी के आंकड़े को पार कर गई।

आमतौर पर दिल्ली और आसपास के इलाकों में सितंबर के आखिरी सप्ताह में मॉनसून की बारिश बंद हो जाती है, लेकिन इस साल ऐसा लगता है कि यह सामान्य से अलग है। मॉनसून की वापसी में इस देरी के लिए तूफान यागी भी जिम्मेदार हैं, जो मध्य प्रशांत महासागर में शुरू हुआ था और हजारों किलोमीटर की यात्रा करके उत्तर भारत तक पहुंच गया है।

इस दुर्लभ घटना के कारण उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड में काफी बारिश हुई है, जिससे इन क्षेत्रों में अप्रत्याशित रूप से देर से मॉनसून की बारिश हुई है।

इस देरी का एक और कारण राजस्थान के कुछ हिस्सों से मॉनसून की धीमी वापसी है, जो अब सितंबर के आखिरी सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह के आसपास शुरू होने का अनुमान है।

इस देरी से पता चलता है कि भारत से कुल मॉनसून की वापसी अनुमानित 10-15 दिनों तक टल जाएगी।

आगामी सप्ताह के लिए मौसम विभाग ने पूरे देश में विशेष रूप से उत्तरी मैदानों और पूर्वोत्तर भारत में अपेक्षाकृत शुष्क परिस्थितियों की भविष्यवाणी की है। सूखे की यह अवधि हाल ही में विभिन्न क्षेत्रों में देखे गए मौसम के पैटर्न से बिल्कुल अलग है।

पिछले सात दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 72 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है, जो असामान्य मौसम प्रवृत्ति को दर्शाती है। इसके विपरीत, भारत के दक्षिणी भागों में सामान्य से 86 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई है, जो इस मौसम में मॉनसून की वर्षा के असमान वितरण को उजागर करती है।

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