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'पाताल' में भी दौड़ेगी मेट्रो! दिल्ली में सबसे गहरी सुरंग बनकर तैयार, जमीन में कितनी अंदर?

मेट्रो के चौथे फेज में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मंगलवार को बड़ी उपलब्धि हासिल की। दिल्ली में बन रही गोल्डन लाइन पर सबसे गहरी सुरंग बनाने का काम डीएमआरसी ने पूरा कर लिया है।

Sudhir Jha हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 19 March 2025 07:42 AM
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'पाताल' में भी दौड़ेगी मेट्रो! दिल्ली में सबसे गहरी सुरंग बनकर तैयार, जमीन में कितनी अंदर?

मेट्रो के चौथे फेज में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मंगलवार को बड़ी उपलब्धि हासिल की। दिल्ली में बन रही गोल्डन लाइन पर सबसे गहरी सुरंग बनाने का काम डीएमआरसी ने पूरा कर लिया है। इग्नू स्टेशन (छतरपुर मंदिर की तरफ से) के पास बनी इस सुरंग से बोरिंग मशीन मंगलवार को बाहर निकली। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार मौजूद रहे। डीएमआरसी के मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल के अनुसार दिल्ली मेट्रो के चौथे फेज में तुगलकाबाद से एयरोसिटी के बीच गोल्डन लाइन पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस लाइन पर छतरपुर मंदिर से इग्नू तक सबसे गहरी सुरंग बनाने के लिए मशीन को उतारा गया था।

इस सुरंग की औसत गहराई लगभग 27 मीटर है। इस सेक्शन में सबसे कम गहराई 15 मीटर जबकि सबसे अधिक गहराई 39 मीटर है। इसके चलते यह दिल्ली मेट्रो की अभी तक बनी सभी लाइनों में सबसे गहरी सुरंग है। इस सेक्शन पर छतरपुर से इग्नू के बीच एक सुरंग के बनने का काम बीते 25 फरवरी को पूरा हो गया था। दूसरी टनल का काम पूरा होने के साथ ही इस सेक्शन पर दोनों तरफ सुंरग तैयार हो गई है। इससे पहले मैजेंटा लाइन पर हौजखास में लगभग 30 मीटर की गहराई पर तीसरे फेज में सुरंग बनाई गई थी।

1048 रिंग लगाए गए

डीएमआरसी के अनुसार गोल्डन लाइन पर बनी इस सुरंग में लगभग 1048 रिंग लगाए गए हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। सुरंग का निर्माण ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड) की सिद्ध तकनीक का उपयोग करके किया गया है। इन टनल रिंग को मुंडका में स्थापित मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में तैयार किया गया है। इस सुरंग को बनाने में खड़ी ढलान के साथ-साथ कठोर चट्टानों सहित विभिन्न भू-विज्ञान की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इसके कारण स्क्रू ऑगर क्षतिग्रस्त हुआ और अभियान के दौरान उसे बदला गया।

सावधानी के साथ तैयार की गई

डीएमआरसी के अनुसार मौजूदा वायडक्ट और निर्मित इमारतों के नीचे सुरंग के निर्माण के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा सावधानियां बरती गईं। आस-पास की इमारतों पर लगे अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों से जमीनी गतिविधियों पर नजर रखी गई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई धंसाव न हो। मंगलवार सुबह इग्नू स्टेशन पर 1460 मीटर लंबी सुरंग खोदने के बाद टनल बोरिंग मशीन बाहर निकली। 97 मीटर लंबी एक विशाल टीबीएम का उपयोग करके यह सफलता हासिल हुई।

चौथे फेज की स्थिति

चौथे फेज के तहत कुल छह लाइन पर 112.42 किलोमीटर नेटवर्क बनाने का काम चल रहा है। जनकपुरी से आश्रम मार्ग, मजलिस पार्क से मौजपुर और एयरोसिटी से तुगलकाबाद पर लगभग 65 किलोमीटर नेटवर्क बनना है जिसका 60 फीसदी से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। बीते 5 जनवरी को जनकपुरी पश्चिम से कृष्णा पार्क एक्सटेंशन पर मैजेंटा लाइन का परिचालन शुरू हो चुका है। दो अतिरिक्त कॉरिडोर लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक और इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक के बीच बनने हैं जिनके टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।

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