Delhi Weather: दिल्ली में आज बरसात या उमस करेगी परेशान? 26 अगस्त तक के मौसम का जानें हाल
Delhi Weather: दिल्ली पर इस बार इंद्र देवता काफी मेहरबान है। यही वजह है रोजाना राजधानी में बरसात हो रही है। हालांकि रिकॉर्ड बारिश में भी दिल्ली के कुछ इलाके सूखे रह गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार को मध्यम बारिश हो सकती है।
Delhi Weather: इस बार राजधानी दिल्ली पर इंद्र देवता खूब मेहरबान हैं। रोजाना आसमान से पानी बरस रहा है। सोमवार को रक्षाबंधन के मौके पर दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई जिससे मौसम सुहाना हो गया। सुबह अच्छी धूप खिली थी लेकिन दिन में मौसम ने करवट ली और बादल छा गए। जिसके बाद बारिश हुई। इस दौरान अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसरा, सुबह साढ़े आठ बजे शहर में आर्द्रता का स्तर 87 फीसदी था।
अगले सात दिनों का हाल
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार को राजधानी में मध्यम बारिश होगी। इस दौरान तेज हवाएं भी चल सकती हैं। बुधवार. गुरुवार और शुक्रवार को भी झमाझम बारिश में भीगने को तैयार रहें। इसके बाद वीकेंड पर बारिश की स्पीड थोड़ी कम होगी। शनिवार और रविवार को हल्की बारिश के आसार हैं। वहीं अगले हफ्ते की शुरुआत बहुत तेज बारिश के साथ होगी। कुल मिलाकर बारिश का सिलसिला फिलहाल जारी रहेगा।
रिकॉर्ड तोड़ बारिश में भी सूखे रह गए चार जिले
दिल्ली के नौ में पांच जिलों में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई, लेकिन चार जिले ऐेसे भी हैं जहां बादलों की बेरुखी से कम वर्षा हुई है। मौसम वैज्ञानिक इसके पीछे पैची रेन (छोटे टुकड़े में होने वाली बारिश) को वजह बता रहे हैं। अगस्त में 11 साल बाद इतनी ज्यादा बारिश हुई है। उत्तरी दिल्ली में तो सामान्य से 68 तक अधिक वर्षा दर्ज की गई है, वहीं दक्षिणी दिल्ली में सामान्य से 23 कम वर्षा हुई है। राजधानी में मानसून 28 जून को आया और इस दिन इतनी वर्षा हुई कि 88 सालों का रिकॉर्ड टूट गया।
स्काईमेट के वैज्ञानिक महेश पालावत ने कहा, 'समग्र तौर पर राजधानी दिल्ली में अच्छी बारिश हुई है, लेकिन छोटे टुकड़े में होने वाली बारिश (पैची रेन) की घटनाएं भी कई बार हुई हैं। इस कारण अलग-अलग जगहों पर वर्षा के आंकड़े अलग हैं।'
15 से 20 किलोमीटर की दूरी में ही दिखा अंतर
दिल्ली के अलग-अलग जिलों में स्थित मौसम विभाग के केंद्रों में मुश्किल से 15-20 किलोमीटर की दूरी है। इतनी कम दूरी में ही बारिश के आंकड़ों में यह अंतर देखने को मिल रहा है। मौसम वैज्ञानिक इसके पीछे पैची रेन को वजह बताते हैं। इससे छोटे टुकड़ों में बादलों की गैर मौजूदगी से कम वर्षा होती है।