Delhi Weather : दिल्ली-एनसीआर में हवा के बदले रुख से रूठी ठंड, नवंबर में भी नीचे नहीं आ रहा पारा
मौसम विभाग के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के चलते इस दौरान एक दिन भी अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम 15 डिग्री से नीचे नहीं आया है। राजधानी में आमतौर पर 15 अक्टूबर के बाद ठंड की आमद हो जाती है।
दिल्ली-एनसीआर में पिछले साल की तुलना में इस बार हवा की दिशा बदली हुई है, जिससे इस बार ठंड रूठी नजर आ रही है। अक्टूबर का महीना गर्मी के मामले में 73 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुका है। वहीं, नवंबर के अब तक के 10 दिन में भी अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से पांच डिग्री तक ज्यादा है।
मौसम विभाग के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के चलते इस दौरान एक दिन भी अधिकतम तापमान 30 और न्यूनतम 15 डिग्री से नीचे नहीं आया है। राजधानी में आमतौर पर 15 अक्टूबर के बाद ठंड की आमद हो जाती है। हल्की सर्दियों के साथ लोग थोड़े गर्म कपड़े पहनने लगते हैं, जबकि नवंबर के पहले सप्ताह में ठंड बढ़ जाती है।
घरों में पंखे और एयरकंडीशनर आदि चलाने की जरूरत नहीं रहती, लेकिन इस बार नवंबर महीने का एक तिहाई हिस्सा बीत चुका है, इसके बावजूद लोग सर्दियों का इंतजार कर रहे हैं। घरों में रात के समय भी पंखा चलाने की जरूरत बनी हुई है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान लगातार सामान्य से ज्यादा बना हुआ है। अक्टूबर का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा था, जबकि महीने का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.9 डिग्री ज्यादा था। इस बार अक्टूबर वर्ष 1951 के बाद से अभी तक सबसे ज्यादा गर्म रहा था।
हवा की बदली दिशा के चलते अब नवंबर में भी मौसम का ऐसा ही मिजाज देखने को मिल रहा है। वर्ष 2011 से अब तक के आंकड़ों पर निगाह डालें तो नवंबर के पहले 10 दिन में अक्सर अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री से नीचे ज्यादा रहा है। वर्ष 2018 में नवंबर की आठ तारीख को तो न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री दर्ज किया गया था। इस बार अधिकतम और न्यूनतम तापमान लगातार सामान्य से दो से पांच डिग्री तक ज्यादा बना हुआ है। पीतमपुरा जैसे दिल्ली के कुछ मौसम केंद्रों में तो न्यूनतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री तक ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है।
पराली के धुएं पर विवाद : इस बार हवा की दिशा में बदलाव के चलते पराली के धुएं को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ है। आमतौर पर हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी होने के चलते पाकिस्तान की तरफ जलाई जाने वाली पराली का धुआं भारत की ओर आता रहा है, जबकि इस बार हवा की दिशा विपरीत होने के चलते कुछ हद तक पंजाब में जलाई जाने वाली पराली का धुआं दूसरी तरफ जा सकता है। पाकिस्तान के कुछ अधिकारियों और नेताओं द्वारा लाहौर के वायु प्रदूषण के लिए पंजाब में जलाई जाने वाली पराली को जिम्मेदार भी ठहराया गया है। हालांकि, भारत की ओर से कहा जाता रहा है कि पाकिस्तान में ही जलाई जाने वाली पराली का धुआं इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।
अक्टूबर से बूंदाबांदी तक नहीं हुई
इस मौसम में दिल्ली में अंतिम बारिश 19 सितंबर को दर्ज की गई थी। इसके बाद 50 से ज्यादा दिन हो गए हैं और इनमें से एक भी दिन बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, अक्टूबर में सामान्य तौर पर दिल्ली के सफदरजंग में 15.1 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार सौ फीसदी कम बारिश हुई, जबकि 10 नवंबर तक एक मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए, परंतु वह भी नहीं हुई।
पश्चिमी विक्षोभ आने के आसार
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस मौसम का पहला पश्चिमी विक्षोभ 14 तारीख तक आ सकता है। हालांकि, यह बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है। इसलिए इसका असर कश्मीर के ही कुछ हिस्सों में दिखने का अनुमान है। इसके चलते हवा की दिशा में बदलाव होगा और गुरुवार के बाद आने वाली उत्तरी पश्चिमी हवा से तापमान में दो डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है।
इस बार मॉनसून के बाद हवा की दिशा नहीं बदली
आमतौर पर मॉनसून के समय दिल्ली की ओर पूर्वी या दक्षिणी-पूर्वी दिशा से हवा आती है। यह नमी और बादल लेकर आती है, जिससे बारिश होती है। मॉनसून वापसी के बाद पश्चिमी विक्षोभों का आना शुरू हो जाता है। इससे निचले इलाके में बारिश होती है। पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवा की दिशा उत्तरी-पश्चिमी हो जाती है। यह हवा अपने साथ मध्य एशिया की ठंडक और सूखापन लेकर आती है। इससे तापमान में गिरावट आ जाती है। इस बार अक्टूबर से अब तक एक भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया है।
सुबह और शाम धुंध छाए रहने का अनुमान
राजधानी में सोमवार को अधिकतम और न्यूनतम पारा सामान्य से तीन-तीन डिग्री ज्यादा रहा। दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम 17.2 डिग्री दर्ज किया गया। यहां पर आर्द्रता का स्तर 96 से 56 फीसदी तक रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि मंगलवार से सुबह के समय हल्के से मध्यम स्तर का कोहरा दिख सकता है। शाम और रात के समय गहरी धुंध छाई रहने की आशंका है।