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हम लगवा देंगे CNG पंप; जालसाजों ने दिल्ली के शख्स को थमाए फर्जी दस्तावेज, ऐठें 2.39 करोड़

दिल्ली के एक शख्स से साइबर अपराधियों ने पेट्रोल और सीएनजी पंप लगाने के नाम पर 2.39 करोड़ रुपए ठग लिए। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने खुद को नेचुरल गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का अधिकारी बताकर उससे ठगी की थी।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 30 Sep 2024 01:00 PM
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दिल्ली के एक शख्स से साइबर अपराधियों ने पेट्रोल और सीएनजी पंप लगाने के नाम पर 2.39 करोड़ रुपए ठग लिए। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने खुद को नेचुरल गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का अधिकारी बताकर उससे ठगी की थी। आरोपियों की पहचान 41 साल के अमित कुमार पांडे, 47 साल के अमरेंद्र कुमार और 62 साल के अमर सिंह के तौर पर हुई है। पीड़ित ने 27 मार्च को ठगी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें बताया था कि 2021 में, पेट्रोल और सीएनजी पंपों के अलॉटमेंट प्रोसेस को ऑनलाइन सर्च करते समय, उनसे दो व्यक्तियों, अमरेंद्र और अमित ने संपर्क किया। इन्होंने खुद को प्राकृतिक गैस वितरण कंपनी के कॉर्डिनेटर और एजेंट के रूप में पेश किया।

उन्होंने पीड़ित को कम से कम औपचारिकताओं के साथ सीएनजी पंप लगवाने का लालच दिया। आरोपियों ने जाली दस्तावेज बनाए, जिसमें पंजीकरण प्रमाणपत्र, बैंक खाते का विवरण और जीएसटी नंबर वाला चालान शामिल था, जिसे उन्होंने शिकायतकर्ता को भेजा। इसके बाद वे 2.39 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए। डिप्टी पुलिस कमिश्नर (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने कहा कि आरोपियों द्वारा दिए गए पंजीकरण और अलॉटमेंट दस्तावेजों की कंपनी से जांच की गई और वे फर्जी मिले।

टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने अधिकारी ने कहा, 'मोबाइल नंबरों और टेक्निकल सर्विलांस के डिटेल एनालिसिस के जरिए, टीम ने संदिग्धों के स्थान का पता लगाया और बाद में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।' पकड़े जाने से बचने के लिए, उन्होंने अन्य लोगों के नाम पर पंजीकृत सिम कार्ड का इस्तेमाल किया और शिकायतकर्ता को दस्तावेज भेजने के लिए फर्जी ईमेल आईडी बनाई। अमित की पहचान मास्टरमाइंड के रूप में हुई जिसने पंजीकरण और फर्जी अलॉटमेंट दस्तावेजों बनाए, जबकि अमरेंद्र ने शिकायतकर्ता से कैश लिया था।

पेट्रोलियम मंत्रालय के पूर्व कर्मचारी अमर सिंह ने खुद को एक फैसिलिटेटर के रूप में पेश किया। पुलिस ने कहा कि गिरोह को पता चला कि शिकायतकर्ता अपनी जमीन पर सीएनजी पंप लगाना चाहता है तो उन्होंने खुद को अधिकारियों की तरह पेश किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'उन्होंने मंत्रालय और प्राकृतिक गैस वितरण कंपनी में कनेक्शन होने का दावा करते हुए कम से कम औपचारिकताओं के साथ सीएनजी पंप लगाने की पेशकश की। गिरोह ने शिकायतकर्ता को धोखा देने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए, जिसमें साइट का दौरा करना और शक से बचने के लिए फर्जी एनओसी, एरिया क्लीयरेंस रिपोर्ट और चालान जारी करना शामिल था।'

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