दिल्ली में सिविल डिफेंस मार्शलों पर बढ़ी तकरार; LG ने आतिशी से पूछा यह सवाल; 'आप' ने दिया क्या जवाब
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार को सिविल डिफेंस कर्मियों (बस मार्शल) की तत्काल बहाली करने का सुझाव दिया है। उधर, ‘आप’ ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बस मार्शलों को जल्द स्थायी नौकरी दी जाएगी।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सरकार को सिविल डिफेंस कर्मियों (बस मार्शल) की तत्काल बहाली करने का सुझाव दिया है। इस संबंध में उन्होंने शनिवार को मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र भेजा। उन्होंने पत्र में लिखा है कि सीएम सिविल डिफेंस कर्मियों की बहाली का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के आदेश तुरंत अधिकारियों को दें। उधर, ‘आप’ ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बस मार्शलों को जल्द स्थायी नौकरी दी जाएगी।
सुझाव की अनदेखी का आरोप : उपराज्यपाल ने अपने पत्र में पिछले 24 अक्टूबर को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि उस पत्र में उन्होंने एक नवंबर से बस मार्शलों की बहाली सुनिश्चित करने को कहा था। इसके साथ ही, उन्होंने सिविल डिफेंस कर्मियों की स्थायी भर्ती संबंधित व्यापक प्रस्ताव भी तैयार करके भेजने का सुझाव दिया था।
एलजी ने पत्र में लिखा है कि इस संबंध में आपकी पार्टी और नेताओं की ओर से अवांछित राजनीति की गई और नेता विपक्ष सहित आपने मुझसे मुलाकात की थी। अफसोस की बात यह है कि अब तक इस संबंध में सरकार की ओर से उन्हें कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। उपराज्यपाल ने कहा है कि सिविल डिफेंस कर्मियों की तत्काल बहाली के आदेश दिल्ली में व्याप्त वायु प्रदूषण से निपटने के दृष्टिगत किए गए थे। आज दिल्ली में वायु प्रदूषण चरम पर है और यदि इनकी बहाली समय रहते कर दी गई होती तो निश्चित ही इस स्थिति से निपटने में मदद मिलती। इसके साथ ही बस मार्शलों का भी कल्याण हो गया होता। गौरतलब है कि एलजी ने कुछ दिन पहले बस मार्शलों को चार माह की अस्थायी नियुक्ति के निर्देश दिए थे। साथ ही, सरकार से उनकी स्थायी नियुक्ति के संबंध में प्रस्ताव बनकार भेजने को कहा था।
विश्वासघात किया गया
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली सरकार लगातार गरीबों एवं संविदा कर्मियों के साथ विश्वासघात कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो नवंबर तक भी इन सिविल डिफेंस कर्मियों को बहाल करने का संवैधानिक प्रशासनिक प्रस्ताव तैयार नहीं किया है। दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि उपराज्यपाल के निर्देश के बावजूद दिल्ली की ‘आप’ सरकार की लापरवाही के कारण 10 हजार सिविल डिफेंस वॉलंटियरों और बस मार्शलों को पहली नवंबर से नौकरी पर बहाल नहीं किया जा सका। उधर, नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर कमेटी गठित करना जरूरी है।
पत्र की अनदेखी
दिल्ली कांग्रेस ने मार्शलों की भर्ती में दिल्ली सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में एलजी द्वारा लिखे गए पत्र को नजरअंदाज किया है। यादव ने कहा कि एलजी द्वारा 24 अक्टूबर को लिखे पत्र में सिविल डिफेंस कर्मियों की भर्ती की अनुमति दी गई थी। इसके बावजूद एक नवंबर तक कोई कार्रवाई नहीं करना सरकार की लापरवाही को दर्शाता है। आने वाले विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को भुनाने की रणनीति के चलते फिलहाल इसकी उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर ‘आप’ और भाजपा दोनों बस सियासत कर रहे हैं।
‘भाजपा ने हजारों लोगों का रोजगार छीन लिया था’
बस मार्शल की नियुक्ति को लेकर एलजी द्वारा मुख्यमंत्री आतिशी को लिखे पत्र पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर निशाना साधा है। ‘आप’ का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2015 में सिविल डिफेंस कर्मियों को बतौर बस मार्शल नियुक्ति किया था। भाजपा ने 10 हजार से अधिक बस मार्शल को 2022 में नौकरी से निकलवा दिया। ‘आप’ ने कहा कि बस मार्शलों को दोबारा बहाली को लेकर आम आदमी पार्टी ने सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष किया और बस मार्शल के साथ खड़ी रही। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल अब जेल से बाहर आ गए हैं। जल्द ही बस मार्शलों की नौकरियां बहाल होंगी। पार्टी ने कहा कि भाजपा और एलजी इस मामले पर बस सियासत कर रहे हैं।