दिल्ली ने ओढ़ी स्मॉग की चादर, क्या हैं इसके 2 कारण; 11 इलाकों की हवा हुई गंभीर
दिल्ली पर अब स्मॉग का खतरा मंडराने लगा है। सोमवार सुबह और दोपहर बाद वायुमंडल में स्मॉग का असर देखा गया। हालांकि, अभी इसकी परत मोटी नहीं है, लेकिन दृश्यता का स्तर प्रभावित हुआ है।
दिल्ली पर अब स्मॉग का खतरा मंडराने लगा है। सोमवार सुबह और दोपहर बाद वायुमंडल में स्मॉग का असर देखा गया। हालांकि, अभी इसकी परत मोटी नहीं है, लेकिन दृश्यता का स्तर प्रभावित हुआ है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि हवा की रफ्तार कम होने और ठंड का असर बढ़ने के चलते हल्का स्मॉग बनने लगा है।
इस मौसम में पहली बार दिखा : मौसम विभाग के मुताबिक, पालम और सफदरजंग मौसम केंद्र में सोमवार को पहली बार हल्का स्मॉग देखा गया, जिससे सुबह के समय पालम मौसम केंद्र में दृश्यता का स्तर 1300 मीटर और सफदरजंग मौसम केंद्र में 1500 मीटर तक गिर गया। दिन चढ़ने के साथ दृश्यता के स्तर में इजाफा हुआ। दोपहर दो बजे के दृश्यता का स्तर लगभग दो हजार मीटर तक पहुंच गया। दोपहर बाद धूप कमजोर होने के साथ ही दृश्यता का स्तर फिर गिरने लगा और तीन बजे के आसपास यह 1500 मीटर के स्तर पर रहा। सामान्य तौर पर दृश्यता का स्तर दो हजार मीटर से ऊपर रहता है।
मौसम निगरानी संस्था स्काईमेट के विज्ञानी महेश पालावत बताते हैं कि हवा कमजोर होने और तापमान में आई गिरावट के चलते हल्का स्मॉग बन रहा है। अगले दो-तीन दिन में मौसम के कारकों के लगभग ऐसा ही बने रहने के आसार हैं।
गंभीर श्रेणी में 11 इलाकों की हवा : दिल्ली की हवा में प्रदूषण का जहर बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 381 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यह 382 था। सोमवार को दिल्ली के 11 इलाकों का सूचकांक 400 के पार यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। इनमें विवेक विहार, आनंद विहार, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, अशोक विहार जैसे भीड़भाड़ वाले और सघन आबादी वाले रिहायशी इलाके शामिल हैं।
तीन गुना ज्यादा प्रदूषण : दिल्ली की हवा में इस समय सामान्य से तीन गुना ज्यादा प्रदूषण है। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम होने और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर की हवा में सोमवार की शाम तीन बजे पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा।
हवा की गति कम होने से बढ़ रही परेशानी : सोमवार को दिल्ली में हवा की गति चार से आठ किलोमीटर प्रतिघंटा रही। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव धीमा रहा। अगले तीन-चार दिन यही हाल रहेगा।
क्या होता है स्मॉग
तापमान में गिरावट आने पर हवा में मौजूद नमी के कण ठोस होने लगते हैं, जिससे कोहरा यानी फॉग बनता है। जब हवा में धुएं आदि के प्रदूषक कण मौजूद होते हैं तो वे नमी के इन कणों के साथ मिल जाते हैं। इस स्मॉग और फॉग के मिलने से ही स्मॉग बनता है। चूंकि, इसमें तमाम किस्म के हानिकारक प्रदूषक होते हैं, इसलिए इसे सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।