दिल्ली हाईकोर्ट ने लावा कंपनी के MD को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दी जमानत
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो से जुड़े धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक हरिओम राय को जमानत दे दी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो से जुड़े धन शोधन मामले में लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक हरिओम राय को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने लावा अधिकारी को राहत प्रदान की, जो पिछले वर्ष अक्टूबर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में थे।
राय को वीवो-इंडिया और अन्य के खिलाफ मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनका प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और वकील अभय राज वर्मा ने किया। ईडी ने पहले चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो-इंडिया और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम की आपराधिक धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया है।
सितंबर में एक ट्रायल कोर्ट ने राय को जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि राहत के लिए कोई आधार नहीं बनता। ईडी ने दावा किया है कि आरोपी की कथित गतिविधियों ने वीवो-इंडिया को गलत तरीके से लाभ कमाने में सक्षम बनाया जो देश की आर्थिक संप्रभुता के लिए हानिकारक था। इसने आरोप लगाया है कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये "अवैध रूप से" चीन को हस्तांतरित किए गए थे।
कंपनी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह "अपने नैतिक सिद्धांतों का दृढ़ता से पालन करती है और कानूनी अनुपालन के लिए प्रतिबद्ध है"। एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने जुलाई 2022 की शुरुआत में वीवो-इंडिया और उससे जुड़े लोगों पर छापा मारा था और चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था।