प्रदूषण से बेहाल दिल्ली की जनता ने जमकर की इससे जुड़ी शिकायतें, जानिए कौन सा विभाग रहा फिसड्डी
- इस ऐप को दिल्ली सरकार ने साल 2020 में लॉन्च किया था, जिस पर दिल्ली वासी किसी खास स्थान के फोटो या वीडियो अपलोड करके, उस जगह और शिकायत की जानकारी देकर प्रदूषण के बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
दिल्ली में प्रदूषण से परेशान जनता ने इस बार दिल्ली सरकार के 'ग्रीन दिल्ली' मोबाइल ऐप का जमकर उपयोग किया और इसके जरिए पॉल्यूशन से जुड़ी 84 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज कराईं। खास बात यह है कि सरकार का दावा है कि इन शिकायतों में से ज्यादातर को हल कर दिया गया, जबकि कुछ शिकायतों का समाधान नहीं दिया जा सका। दिल्ली नगर निगम (MCD), लोक निर्माण विभाग (PWD) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आईं।
दिल्ली सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार शिकायतों को हल करने के मामले में दिल्ली जल बोर्ड सबसे आगे रहा, उसने कुल प्राप्त शिकायतों में से 97.94 प्रतिशत शिकायतों को हल कर दिया, जबकि एमसीडी की सफलता का प्रतिशत सबसे कम यानी 84.33 प्रतिशत रहा। हालांकि MCD के पास शिकायतें भी सबसे ज्यादा आई थीं।
रिपोर्ट के अनुसार इस ऐप के जरिए इस साल 84,765 शिकायतें प्राप्त हुईं, इनमें से MCD को लेकर सबसे ज्यादा 54,878 शिकायतें आईं, जिसमें से उसने 46,279 शिकायतों का निपटारा कर दिया। जबकि 8,599 शिकायतें अब भी लंबित हैं। MCD ने उसे मिली शिकायतों में से 84.33 प्रतिशत शिकायतों का समाधान किया।
पीडब्ल्यूडी विभाग को कुल 12,327 शिकायतें मिलीं, जिसमें से उसने 10,803 का समाधान कर दिया, जबकि 1524 अनसुलझी रहीं। लोक निर्माण विभाग ने 87.64 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा किया। उधर दिल्ली विकास प्राधिकरण को कुल 4795 शिकायतें मिलीं, जिसमें से उसने 4424 का समाधान कर दिया, जबकि 371 शिकायतें अब भी बाकी हैं। शिकायतों के निपटारे में डीडीए की सफलता का प्रतिशत 92.26 रहा।
इसके अलावा इस ऐप के जरिए दिल्ली जल बोर्ड से जुड़ी 3056 शिकायतें प्राप्त हुईं, उसने 97.94 प्रतिशत शिकायतों को हल कर दिया। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को 2032 शिकायतें मिलीं जिसमें से उसने 91.98 प्रतिशत शिकायतों को हल कर दिया। राजस्व विभाग को कुल 1041 शिकायतें मिलीं, उसने 84.53 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा कर दिया।
ग्रीन दिल्ली ऐप को दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग के तहत दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने बनाया है। और यह डेटा अलग-अलग विभागों से जुड़ी शिकायत रिपोर्ट पर आधारित है। इस ऐप को दिल्ली सरकार ने साल 2020 में लॉन्च किया था, जिस पर दिल्ली वासी किसी खास स्थान के फोटो या वीडियो अपलोड करके, उस जगह के बारे में बताकर और शिकायत की जानकारी देकर प्रदूषण के बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
इसके बाद ऐप पर प्राप्त इन शिकायतों को समाधान के लिए संबंधित सरकारी एजेंसी को भेजा जाता है। शिकायतकर्ता उनके द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों को ट्रैक करते हुए उनके बारे में इस ऐप के जरिए अपडेट भी ले सकते हैं।
इसमें शामिल अन्य एजेंसियों में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (2,032 शिकायतें, 91.98 प्रतिशत हल), राजस्व विभाग (1,041 शिकायतें, 84.53 प्रतिशत हल) और दिल्ली जल बोर्ड (3,056 शिकायतें, 97.94 प्रतिशत हल) शामिल हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को 564 शिकायतें मिली थीं, जबकि दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को 362 शिकायतें प्राप्त हुई थीं। इस ऐप के जरिए प्राप्त कुल शिकायतों में से 10,656 को लंबित श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है, जिनमें से अकेले एमसीडी के बारे में ऐसी 8,322 शिकायतें हैं।
बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के अनुसार, नवंबर में दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर साल में सबसे खराब रहा था, इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक 491 पर पहुंच गया था। यह 'गंभीर प्लस' (सीवियर प्लस) वर्गीकरण अत्यधिक अस्वस्थ वायु गुणवत्ता की ओर इशारा करता है, जो लोगों के लिए स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरा पैदा करता है।