दिल्ली में नए साल से पहले खुलेंगी प्रीमियम दुकानें, लोगों को मिलेगा यह ऑप्शन; सरकार ने बनाया पूरा प्लान
दिसंबर में क्रिसमस और साल के आखिरी दिन 31 तारीख को लोग खूब जाम छलकाएं, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक प्लान बनाया है। जिसके तहत सरकार त्योहारों से पहले हाईक्लास ग्राहकों के लिए शहर में और ज्यादा प्रीमियम शराब दुकानें खोलने की योजना बना रही है।
दिसंबर में क्रिसमस और साल के आखिरी दिन 31 तारीख को लोग खूब जाम छलकाएं, इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक प्लान बनाया है। जिसके तहत सरकार त्योहारों से पहले हाईक्लास ग्राहकों के लिए शहर में और ज्यादा प्रीमियम शराब दुकानें खोलने की योजना बना रही है। इसकी जानकारी मंगलवार को एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि यह दुकानें आकार में बड़ी होंगी। 500 स्कवायर मीटर से ज्यादा, जिसमें ग्राहकों को शेल्फ से अपनी पसंद का ब्रांड चुनने का विकल्प दिया जाएगा।
आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने दिल्ली सरकार के चार कॉरपोरेशन से और ज्यादा शराब की प्रीमियम दुकानें खोलने को कहा है। वे इस पर काम कर रहे हैं।' अगस्त 2020 में आबकारी नीति 2021-22 लागू होने और निजी ऑपरेटरों द्वारा दिल्ली में शराब की दुकानें बंद करने के बाद, चार कॉरपोरेशन शहर में शराब के सभी व्यापार को संभाल रहे हैं।
ये चार कॉरपोर्शन हैं- दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम, दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम, दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक विक्रेता भंडार और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में शहर के प्रमुख शॉपिंग केंद्रों और मॉल में 45 से अधिक प्रीमियम दुकानें चल रही हैं।
अधिकारी ने बताया कि चारों कॉरपोरेशन को अधिक प्रीमियम दुकानें खोलने के लिए किराए के लिहाज से उपयुक्त स्थान खोजने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि राजधानी में नए प्रीमियम स्टोर मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में खोले जाएंगे क्योंकि वहां इसके लिए ज्यादा जगह उपलब्ध होगी। चारों कॉरपोरेशन सामूहिक रूप से शराब की 700 छोटी दुकानें चलाते हैं, जहां ग्राहक लकड़ी के काउंटर से अपने ब्रांड की शराब खरीदते हैं।
अधिकारी ने कहा कि शराब पर एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) और वैल्यू एडेड टैक्स के जरिए अर्जित राजस्व में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस साल सुधार हुआ है। नई प्रीमियम दुकानें ज्यादा ग्राहकों को दुकानों में ला सकती हैं। इससे बिक्री और आय में सुधार हो सकता है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में, आबकारी विभाग ने शराब की बिक्री पर उत्पाद शुल्क के तौर पर 3,047 करोड़ रुपये कमाए, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 2,849 करोड़ रुपये कमाए थे।