Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi first FIR was registered 163 years ago in 35 ana theft

दिल्ली में 163 साल पहले दर्ज हुई थी पहली FIR, क्या था मामला?

  • दिल्ली की पहली एफआईआर आज से 163 साल पहले दर्ज की गई थी। तब एक युवक ने 45 आने की चोरी की थी। यह एफआईआर दिल्ली के रहने वाले मैयउद्दीन ने दर्ज करवाई थी।

Mohammad Azam भाषा, नई दिल्लीFri, 18 Oct 2024 11:21 AM
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दिल्ली के पुलिस इतिहास में 18 अक्टूबर का दिन महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि शहर की पहली प्राथमिकी इसी दिन 1861 में दर्ज की गई थी। यह मामला सब्जी मंडी थाने के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में '45 आने' यानी लगभग 2.80 रुपये मूल्य के घरेलू सामान की चोरी से जुड़ा था। जब शहर में पहली प्राथमिकी दर्ज की गई थी, तब दिल्ली, पंजाब प्रांत का हिस्सा था। उर्दू और फारसी प्रचलित भाषाएं थीं और अदालत तथा पुलिस दस्तावेज में इनका उपयोग किया जाता था।

प्राथमिकी का कुछ हिस्सा उर्दू में, कुछ फारसी में लिखा गया था। इसे सब्जी मंडी थाने के अधिकार क्षेत्र में कटरा शीश महल के निवासी मोहम्मद ए.आर. खान के बेटे मैउद्दीन ने पंजीकृत कराया था। यह मामला चोरी का पहला पंजीकृत मामला है। चोरी की गई वस्तुओं में महिलाओं के कपड़े, एक हुक्का, खाना पकाने के तीन छोटे बर्तन (देगची), एक कटोरा, और अन्य सामान शामिल हैं जिनकी अनुमानित कीमत उस वक्त '45 आने' थी।

सब्जी मंडी क्षेत्र का इतिहास 1861 के भारतीय पुलिस अधिनियम के लागू होने से जुड़ा हुआ है। सब्जी मंडी, दिल्ली का पहला पुलिस स्टेशन था, जिसे आधिकारिक तौर पर 18 अक्टूबर 1861 को स्थापित किया गया था। इसके अलावा 18 अक्टूबर का दिन देश के कई राज्यों की पुलिस, सुरक्षा बलों और प्रशासन के लिए बड़ी राहत लेकर आया। वह साल 2004 का 18 अक्टूबर का दिन था जब सुरक्षा बलों ने दस्यु सरगना और कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को एक मुठभेड़ में मौत के घाट उतार कर चैन की सांस ली।

घनी मूछों वाला वीरप्पन कई दशकों तक सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बना रहा। हाथी दांत के लिए सैकड़ों हाथियों की जान लेने वाले और करोड़ों रूपए के चंदन की तस्करी करने वाले वीरप्पन ने तस्करी के अपने अभियानों को अंजाम देने के दौरान करीब डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की जान ली और उनमें से आधे से ज्यादा पुलिसकर्मी थे।

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