Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi Court convicts Madhya Pradesh former MLA Kishore Samrite for threatening to blow up Parliament with dynamite

संसद को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी के मामले में MP के पूर्व विधायक दोषी करार, 27 को सजा पर बहस

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को संसद भवन को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी देने के मामले में दोषी ठहराया है। अदालत 27 फरवरी को सजा पर दलीलें सुनेगी।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। एएनआईFri, 21 Feb 2025 09:58 AM
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संसद को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी के मामले में MP के पूर्व विधायक दोषी करार, 27 को सजा पर बहस

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक किशोर समरीते को संसद भवन को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी देने के मामले में दोषी ठहराया है। हालांकि, उन्हें विस्फोटक अधिनियम के तहत अपराध से बरी कर दिया गया है। अदालत 27 फरवरी को सजा पर दलीलें सुनेगी।

बालाघाट जिले के लांजी से पूर्व विधायक किशोर समरीते ने कथित तौर पर सितंबर 2022 में राज्यसभा के महासचिव को एक धमकी भरा पत्र और एक संदिग्ध पदार्थ भेजकर भारत की संसद को डायनामाइट से उड़ाने की धमकी दी थी। पत्र में उनके द्वारा कुछ मांगें लिखी गई थीं।

इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेस सेल (आईएससी) के इंस्पेक्टर विवेक मलिक द्वारा की गई शिकायत पर 16 सितंबर 2022 को एक एफआईआर दर्ज की गई थी।

स्पेशल जज विशाल गोगने ने किशोर समरीते को विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 की धारा 5(ए) और विस्फोटक अधिनियम, 1884 की धारा 9बी(1)(बी) के तहत आरोप से बरी कर दिया।अदालत ने उन्हें धारा 506 भाग II आईपीसी के तहत दोषी ठहराया है।

अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्ष्य संदेह से परे

अदालत ने 18 फरवरी को अपने आदेश में कहा, “अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए साक्ष्य इस बात के उचित संदेह से परे सबूत पेश करते हैं कि आरोपी किशोर समरीते ने भारतीय दंड संहिता की धारा 506 भाग II के अंतर्गत दंडनीय अपराध किया है।”

दिल्ली पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की और समरीते के खिलाफ आरोप तय किए गए।चार्जशीट के अनुसार, आरोपी को राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार की मौजूदा नीतियों के खिलाफ शिकायत थी, उसने 'कुछ बड़ा' करने का फैसला किया। इसलिए, उसने सरकार के समक्ष अपनी मांगों का उल्लेख करते हुए एक शिकायत/ज्ञापन तैयार किया।

यह शिकायत समरीते के पार्ट-टाइम टाइपिस्ट दिनेश पटेल ने भोपाल में अपने किराये के घर पर टाइप की थी। आरोपी ने कथित तौर पर शिकायत के हर कागज पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद उसने वेबसाइटों और अन्य स्रोतों से विभिन्न दस्तावेज एकत्र किए और उन्हें शिकायत में संलग्न किया।

आगे बताया गया कि उन्होंने 17 पार्सल में से प्रत्येक के लिए भारत के संविधान की किताब और राष्ट्रीय ध्वज खरीदे ताकि इन्हें भारत के राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, भारत के मुख्य न्यायाधीश, राज्यसभा और लोकसभा के महासचिव आदि सहित संबंधित गणमान्य व्यक्तियों तक पहुंचाया जा सके।

अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा है कि धमकी भरे पत्र में स्पष्ट रूप से भारत की संसद को डायनामाइट का उपयोग कर 30.09.2022 को 11 बजे एक विशिष्ट तिथि और समय पर उड़ाने की मंशा व्यक्त की गई थी, अगर आरोपी द्वारा पत्र में व्यक्त की गई मांगें पूरी नहीं की गईं।

अदालत ने कहा, "हालांकि विचाराधीन पदार्थ विस्फोटक अधिनियम, 1884 के तहत 'विस्फोटक' या/और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 के तहत 'विस्फोटक पदार्थ' नहीं है, लेकिन संसद भवन को उड़ाने की धमकी देने वाला आरोपी का पत्र आग से संपत्ति को नष्ट करने की धमकी है, जिससे उसे आईपीसी की धारा 506 के भाग II के तहत दोषी ठहराया जा सकता है।"

अदालत ने इस मामले में सजा पर बहस के लिए 27 फरवरी की तारीख तय की है।

 

 

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