साल 2020 के दिल्ली दंगों से जुड़े मामले के 10 आरोपी बरी, जानिए कड़कड़डूमा कोर्ट ने क्या कहा?
- घटना वाले दिन जब शिकायतकर्ता अपने घर पर मौजूद था, इसी दौरान दोपहर करीब 2:30 बजे मुस्तफाबाद की तरफ से घातक हथियारों से लैस करीब 1500 दंगाई आए, जिन्होंने ग्राउंड फ्लोर पर बनी उस दुकान में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद करीब 3:45 बजे करीब 50-60 दंगाई घर की ऊपरी मंजिलों पर आ गए।
दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने साल 2020 के दंगो से जुड़े एक मामले में 10 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। इन आरोपियों का नाम गोकुलपुरी में दर्ज FIR में आया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) पुलस्त्य प्रमाचला ने इस बारे में फैसला सुनाया। इस दौरान उन्होंने मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल, राशिद उर्फ मोनू और मोहम्मद ताहिर को बरी कर दिया।
जज प्रमाचला ने 12 सितंबर को पारित आदेश में कहा, 'मुझे लगता है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं। इसलिए, आरोपी मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैजल, राशिद उर्फ मोनू और मोहम्मद ताहिर को संदेह का लाभ दिया जाता है और उन्हें इस मामले में उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से बरी किया जाता है।'
इन लोगों पर पुलिस ने धारा 147/148/149/436/454/392/452/188/153-ए/427/506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करते हुए दंडनीय अपराध करने के लिए आरोप पत्र दायर किया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार 1 मार्च 2020 को शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार ने थाना गोकलपुरी में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि वह C-3/C-2, चमन पार्क, बृजपुरी रोड, शिव विहार तिराहा, दिल्ली में रहता है और उसने अपनी प्रॉपर्टी के ग्राउंड फ्लोर पर एक हॉल को किराए पर दिया हुआ था, जिसमें पिज्जा की दुकान चल रही थी।'
उनके मुताबिक '24 फरवरी 2020 को जब वह अपने घर पर मौजूद था, इसी दौरान दोपहर करीब 2:30 बजे मुस्तफाबाद की तरफ से घातक हथियारों से लैस करीब 1500 दंगाई आए, जिन्होंने ग्राउंड फ्लोर पर बनी उस दुकान में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसके बाद करीब 3:45 बजे करीब 50-60 दंगाई घर की ऊपरी मंजिलों पर आ गए।'
कुमार ने पुलिस को बताया कि उनके घर में ढाई मंजिलें बनी हुई थीं। उन दंगाइयों ने शिकायतकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को तुरंत घर खाली करने की धमकी दी, साथ ही कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन्हें जिंदा जलाकर मार दिया जाएगा। इसके बाद दंगाइयों ने शिकायतकर्ता के घर से 15 तोला सोना व आधा किलो चांदी के आभूषण और दो लाख रुपए कैश समेत कई सामान लूट लिया। उन्होंने घर के फर्नीचर और अन्य सामानों में भी आग लगा दी। साथ ही घर के पेपर्स व अन्य दस्तावेजों के साथ-साथ रसोई में रखे सिलेंडर को भी जला दिया था।
शिकायतकर्ता ने बताया कि इसके बाद उनका परिवार घर से भाग गया और अपने रिश्तेदार के यहां शरण ली। जांच पूरी होने के बाद 14 जुलाई साल 2020 को ड्यूटी मजिस्ट्रेट, कड़कड़डूमा कोर्ट के सामने सभी 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।
9 जनवरी सन् 2023 को धारा के तहत शिकायत के साथ पहला पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया। 195 सीआरपीसी, अन्य दस्तावेज और बयान, सीधे इस अदालत के समक्ष दायर किए गए थे। 25.09.2023 को, दूसरा पूरक आरोप पत्र, सीधे इस अदालत के समक्ष दायर किया गया था। इस पूरक आरोप पत्र में, आईओ ने रिंकू की शिकायत पर की गई जांच का उल्लेख किया था, हालांकि, 09.10.2023 के आदेश के माध्यम से, इस अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि रिंकू की शिकायत को इस मामले में शामिल नहीं किया जा सकता था और पूरक आरोप पत्र केवल धारा 196 सीआरपीसी के तहत मंजूरी और दो पुलिस अधिकारियों के बयानों के साथ कुछ अन्य दस्तावेजों के संबंध में मनोरंजन किया गया था।
इस मामले में अदालत के सामने 9 जनवरी 2023 को पहला पूरक आरोपपत्र और 25 सितंबर 2023 को दूसरा पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था। इस पूरक आरोपपत्र में, आईओ ने रिंकू की शिकायत पर की गई जांच का उल्लेख किया था, हालांकि 9 अक्टूबर 2023 के आदेश के माध्यम से इस अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि रिंकू की शिकायत को इस मामले में शामिल नहीं किया जा सकता था। जिसके बाद अदालत ने 12 तारीख को इस मामले के 10 आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।