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प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के पैरेंट्स से मिलीं CM रेखा गुप्ता, फीस को लेकर क्या बोलीं

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के निजी स्कूल के छात्रों के अभिभावकों के साथ बातचीत की। इस दौरान शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो।

Subodh Kumar Mishra पीटीआई, नई दिल्लीSat, 3 May 2025 09:22 PM
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प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के पैरेंट्स से मिलीं CM रेखा गुप्ता, फीस को लेकर क्या बोलीं

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली के निजी स्कूल के छात्रों के अभिभावकों के साथ बातचीत की। इस दौरान शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी के निजी स्कूल के छात्रों के अभिभावकों के साथ बातचीत की। मुख्यमंत्री ने अभिभावकों को स्कूलों द्वारा फीस तय करने में पारदर्शिता बनाए रखने का आश्वासन दिया।

अभिभावकों ने स्कूल फीस के निर्धारण के लिए विधेयक पेश करने के लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित कानून को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया, जिससे छात्रों और उनके परिवारों दोनों को लाभ होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ कोई अन्याय न हो। उन्होंने कहा कि अगर कोई स्कूल फीस को लेकर किसी अभिभावक या छात्र को परेशान करता है तो वे सीधे मेरे कार्यालय या शिक्षा मंत्री से संपर्क कर सकते हैं।

दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 को मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक कदम बताया। बयान के अनुसार गुप्ता ने कहा कि यह विधेयक दिल्ली के सभी 1677 निजी स्कूलों पर लागू होगा। यह पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से फीस का निर्धारण सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि नई प्रणाली में फीस निर्धारण प्रक्रिया में अभिभावकों, स्कूल प्रबंधन और अन्य हितधारकों की भागीदारी अनिवार्य होगी।

रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि सरकार उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाओं के साथ 65 नए सीएम श्री स्कूल स्थापित कर रही है। इससे माता-पिता निजी संस्थानों की तुलना में सरकारी स्कूलों पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री गुप्ता के नेतृत्व में दृढ़ संकल्प के साथ काम किया है।

सूद ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान स्कूल की फीस बिना किसी निगरानी के हर साल बढ़ाई जाती थी। स्कूल प्रबंधन और अधिकारियों के बीच अनौपचारिक व्यवस्था के मामले भी सामने आए थे। उन्होंने कहा कि अभिभावक असहाय हो गए थे और सिस्टम पर उनका भरोसा कम हो गया था। उन्होंने द्वारका के एक निजी स्कूल का मामला उजागर किया, जहां अभिभावक 2020 से ही फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि तब कोई कार्रवाई नहीं की गई। लेकिन, 2025 में हमारे सत्ता में आने के बाद जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई। इसकी रिपोर्ट के आधार पर पहली बार फीस अनियमितताओं के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया।

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