दिल्ली को इस साल प्रदूषण से मिलेगी राहत, ये नए एक्सप्रेसवे बनेंगे 'उम्मीद'; देखें पूरी लिस्ट
दिल्ली के लोगों के लिए प्रदूषण किसी बड़ी आफत से कम नहीं है। साल में लगभग 40 फीसदी दिन हवा सांस लेने लायक नहीं रहती। खासकर, सर्दी में हवा दमघोंटू हो जाती है। दिल्ली में होने वाले प्रदूषण में 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी वाहनों की है।
दिल्ली के लोगों के लिए प्रदूषण किसी बड़ी आफत से कम नहीं है। साल में लगभग 40 फीसदी दिन हवा सांस लेने लायक नहीं रहती। खासकर, सर्दी में हवा दमघोंटू हो जाती है। दिल्ली में होने वाले प्रदूषण में 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी वाहनों की है। ऐसे में इस साल परिवहन के नए विकल्पों को प्रदूषण से राहत के लिए एक बड़ी उम्मीद के तौर पर देखा जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि परिवहन के नए विकल्प बढ़ने और नए मार्गों के खुलने से यातायात सुगम होगा और प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी। परिवहन के विकल्पों और प्रदूषण से राहत की इस उम्मीद पर आइये डालते हैं एक नजर।
दिल्लीवालों की उम्मीद बनीं ये परियोजनाएं
1. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे तैयार- मौजूदा वक्त में मध्य और पूर्वी दिल्ली से बागपत (खेकड़ा) तक पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगता है। अब 32 किलोमीटर लंबा (पहले व दूसरे) चरण में एक्सप्रेसवे जल्द यातायात के लिए खुलने जा रहा है। इससे दूरी का समय काफी कम होने का दावा किया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे से प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख वाहन गुजरने की संभावना है। ऐसे में समय कम लगने से ईंधन की खपत में भी कमी आएगी। इसलिए एनएचएआई का अनुमान है कि आसपास के क्षेत्र (पूर्वी दिल्ली-लोनी गाजियाबाद) में 60-65 फीसदी तक वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी।
2. द्वारका एक्सप्रेसवे- दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए 29 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसका 19 किलोमीटर लंबा हिस्सा पहले खुल चुका है, लेकिन दिल्ली की सीमा में स्थित 10 किलोमीटर का हिस्सा जल्द यातायात के लिए खुलना है। आठ लेन चौड़े इस एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर वाहनों की संख्या 60 फीसदी तक कम होगी। वहीं, व्यस्त समय में दिल्ली से गुरुग्राम तक सफर में लगने वाले डेढ़ से दो घंटे का समय काफी घटने का दावा है। ऐसे में इस इलाके के आसपास (दिल्ली-गुरुग्राम) में वाहनों से होने वाले मौजूदा प्रदूषण में 70 फीसदी तक की कमी आने की संभावना है।
3. दिल्ली-मुंबई कनेक्टर- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए सराय काले खां के पास गोल चक्कर पार्क से 60 किलोमीटर लंबा कनेक्टर (एक्सप्रेसवे) बनाया जा रहा है। इसका काफी हिस्सा तैयार हो चुका है। शेष हिस्सा पांच से छह महीने में तैयार होने की बात कही जा रही है। अभी तक व्यस्त समय में रिंग रोड (दिल्ली) से फरीदाबाद पार कर पलवल व केएमपी तक पहुंचने में दो घंटे से अधिक का समय लगता है। इसके पूरी तरह से तैयार होने दिल्ली से फरीदाबाद पहुंचने में करीब 30 मिनट और केएमपी पहुंचने में लगभग 60 मिनट लगने का दावा किया जा रहा है। अनुमान है कि इससे दिल्ली-फरीदाबाद के आसपास के क्षेत्र में वाहनों से होने वाला प्रदूषण 60 फीसदी तक कम होगा।
4. पहली रिंग मेट्रो- सार्वजनिक परिवहन में सबसे बड़ी सौगात पहली रिंग मेट्रो के रूप में मिलेगी। मेट्रो फेज-4 में पूरी दिल्ली को आपस में जोड़ने वाली रिंग मेट्रो के प्रोजेक्ट में मौजपुर से मजलिस पार्क तक बन रहा 12.55 किलोमीटर का कॉरिडोर सितंबर 2025 तक करने का लक्ष्य है। इससे मौजूदा पिंक लाइन (शिव विहार से मजलिस पार्क) के दोनों हिस्से (टर्मिनल स्टेशन) मेट्रो फेज-4 के इस विस्तार कॉरिडोर (मौजपुर से मजलिस पार्क) के जरिए जुड़ जाएंगे। देश के इस पहले रिंग मेट्रो प्रोजेक्ट के 71.15 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने के बाद यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
5. इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में बढ़ोतरी की तैयारी- दिल्ली में अगले साल इलेक्ट्रिक बसों की संख्या भी दो हजार से बढ़कर आठ हजार हो जाएगी। सीएनजी से चलने वाली पुरानी सभी बसें सड़कों से हट जाएंगी। इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ने से दिल्ली का सार्वजनिक परिवहन प्रदूषण रहित हो जाएगा।
6. देश की पहली नमो भारत का संचालन इसी महीने होने की संभावना- देश की पहली नमो भारत ट्रेन का संचालन जनवरी में दिल्ली के न्यू अशोक नगर तक और जून में सराय काले खां स्टेशन तक होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर के शुरू होने से मेरठ से दिल्ली तक के सफर के लिए लोगों को निजी वाहनों पर कम आश्रित रहना पड़ेगा।
जाम से राहत की उम्मीद
राजधानी को नए साल में जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-देहारदून एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे कनेक्टर से दिल्ली के अंदर और बाहरी हिस्से से सीधे वाहन बाहर निकल सकेंगे। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) का मानना है कि इन दिनों एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली और उससे सटे इलाकों में 60-70 फीसदी तक प्रदूषण कम होगा।