डेटिंग ऐप से हनीट्रैप में फंसा लोगों को लूटने वाला गैंग पकड़ा, 5 लड़कियों समेत 8 गिरफ्तार
डेटिंग ऐप के जरिये लोगों को फंसा उन्हें मिलने के बहाने कैफे में बुलाकर लूटपाट करने वाले एक गैंग का गाजियाबाद पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गैंग में शामिल पांच युवतियों समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
डेटिंग ऐप के जरिये लोगों को फंसा उन्हें मिलने के बहाने कैफे में बुलाकर लूटपाट करने वाले एक गैंग का गाजियाबाद पुलिस ने पर्दाफाश किया है। कौशांबी थाना पुलिस ने इस गैंग से जुड़ी पांच युवतियों और दो कैफे संचालक व उसके कर्मचारी समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी कैफे में कोल्ड्रिंक और पानी की बोतल का हजारों रुपये का बिल थमा देते थे। विरोध पर बंधक बनाकर पैसे छीन लेते और बदनाम करने की धमकी देकर रकम खाते में ट्रांसफर करा लेते थे। पुलिस ने यह कार्रवाई दिल्ली के एक एंबुलेंस चालक की शिकायत पर की है।
पुलिस ने कौशांबी मेट्रो स्टेशन के पास टाइगर कैफे पर दबिश देकर पुलिस ने गुरुवार को पांच युवतियों, खालिद उर्फ इमरान निवासी शहीदनगर, नदीम निवासी शास्त्री पार्क, दिल्ली, सुमित निवासी कल्याणपुरी, दिल्ली को गिरफ्तार किया। कैफे खालिद का है, जिसमें नदीम पार्टनर है। सुमित यहां काम करता था। कैफे एक साल से चल रहा है।
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटील ने बताया कि टाइगर कैफे के नाम पर दिल्ली के एंबुलेंस चालक ने थाना कौशांबी में केस दर्ज कराया था। डेटिंग ऐप पर एक युवती ने उससे दोस्ती कर वीडियो कॉल की और 21 अक्टूबर को उसे मिलने बुलाया था। कैफे ले जाकर पानी और कोल्ड्रिंक का 16,400 रुपये का बिल दिया था। एंबुलेंस चालक के विरोध पर दो-तीन युवक आए और उसे बंधक बनाकर जेब से साढ़े चार हजार रुपये छीन लिए। इसके बाद खाते में दो हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए थे। आरोपियों ने और 50 हजार रुपये की मांग की थी। पैसे नहीं देने पर युवती के साथ उसका वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी थी।
ज्यादा बिल देने के बाद शुरू होता था खेल : कैफे सामान्य रूप से भी चलता था, लेकिन जब भी आरोपी युवतियां किसी युवक को लातीं तो आंखों ही आंखों में इशारा कर देती थीं। युवतियां ही पहले कोल्ड्रिंक और कुछ खाने-पीने का सामान मंगवाती थीं। ग्राहक को 100-200 रुपये के सामान का 15-20 हजार रुपये का बिल थमाने के साथ खेल शुरू होता था। पीड़ित के विरोध करते ही उससे हाथापाई की जाती और बंधक बनाकर पूरी वारदात को अंजाम दिया जाता था।
नौकरी छोड़कर हनीट्रैप का धंधा शुरू किया
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि सभी युवतियां दिल्ली की रहने वाली हैं। पूर्व में सभी खालिद के कैफे पर काम करने आई थीं। खालिद ने ही इन्हें अधिक पैसे कमाने के लिए इस योजना के बारे में बताया। उसने झांसा दिया कि इस काम में वह सभी को पार्टनर बनाएगा और पीड़ितों से मिलने वाली रकम से बड़ा हिस्सा उन्हें दिया जाएगा। इसके बाद युवतियों ने नौकरी छोड़कर लोगों को फंसाना शुरू कर दिया। मोबाइल नंबर का पता न चले, इसीलिए ऐप से लोगों को फंसाया जाता था।
आधी रकम देने का झांसा दिया था
गैंग के सरगना खालिद ने युवतियों को पार्टनर बनाकर गंदे काम के लिए मनाया था। शातिर ने कहा था कि जितने रुपये वसूले जाएंगे, उसका आधा हिस्सा युवती को दे दिया जाएगा। एसीपी ने बताया कि खालिद किसी भी व्यक्ति से ठगे और लूटे पैसों में से 50 फीसदी रकम उसे लाने वाली युवती को दे देता था। बाकी अपने पास रखता था। युवती अपनी रकम में से 10-15 फीसदी हिस्सा ऑर्डर लाने वाले वेटर को देती थी।
पीड़ितों को पहचान का प्रयास जारी
एक साल से चल रहे गैंग के चंगुल में 50 से अधिक लोगों के फंसने की बात कही जा रही है। करीब एक दर्जन मामले गाजियाबाद के ही सामने आ चुके हैं। एसीपी ने बताया कि गिरोह के पकड़े जाने के बाद चार से पांच मामले गाजियाबाद के चिह्नित हुए हैं। इन सभी में अधिक वसूली की शिकायत की गई थी। हालांकि, यूपी 112 पर की कॉल के बाद लिखित शिकायत नहीं मिली थी। पीड़ितों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा।