महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य गवाह को समन, बृजभूषण सिंह की भी मानी गई एक मांग
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में गवाह/पीड़िता को साक्ष्य के लिए समन जारी किया, जो जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में मुख्य भागीदार थी।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को महिला पहलवान यौन उत्पीड़न मामले में गवाह/पीड़िता को साक्ष्य के लिए समन जारी किया, जो जनवरी 2023 में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन में मुख्य भागीदार थी। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) वैभव चौरसिया ने गवाह को 14 नवंबर को साक्ष्य के लिए समन जारी किया। वह इस मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक है। अदालत ने कहा कि गवाह/पीड़िता को पहले बुलाया गया था लेकिन वह साक्ष्य के लिए उपस्थित नहीं हुई है।
बचाव पक्ष के वकील राजीव मोहन ने दलील दी कि इस गवाह को तलब नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि वह एफआईआर की लेखिका है। वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक (एपीपी) अतुल श्रीवास्तव ने अपनी दलील में कहा कि गवाह को पेश करना अभियोजन पक्ष का काम है। वहीं दो पीड़ितों ने अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए एक नए वकील को नियुक्त किया है। एक नए नियुक्त वकील ने अदालत में पेश होकर अपना वकालतनामा दाखिल किया।
वहीं, अदालत ने बृजभूषण शरण सिंह को एक साल के लिए अपना पासपोर्ट को रिन्यू कराने की अनुमति दे दी है। बृजभूषण शरण सिंह ने अपना पासपोर्ट बनाने के लिए एनओसी की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था। इससे पहले उन्हें एक सांसद होने के कारण एक राजनयिक पासपोर्ट जारी किया गया था। अब उन्होंने एक नए पासपोर्ट के लिए आवेदन दायर किया है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने बृजभूषण की याचिका पर यह आदेश पारित किया। अदालत ने बृजभूषण के खिलाफ 21 मई को यौन उत्पीड़न मामले में आरोप तय किए थे। बृजभूषण ने आरोप स्वीकार करने से इनकार करते हुए मुकदमे का सामना करने का फैसला किया था। बृजभूषण और मामले में सह-आरोपी डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ आपराधिक धमकी का आरोप तय किया गया था।