मेरी बेटी मर गई...और अचानक आ गई सांस, नई दिल्ली स्टेशन हादसे की यह कहानी इमोशनल कर देगी
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में काम करने वाले कुली ने एएनआई से बातचीत में कल रात के मंजर की पूरी आप बीती बताई। उसने यह भी बताया कि कैसे उसने एक 4 साल की बच्ची की जान बचाई, जिसे उसकी मां मरा मानकर रो रही थी।
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में बीती रात हुए हादसे को अब तक लोग भुला नहीं पा रहे हैं। महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने स्टेशन पहुंची भीड़ उस भगदड़ से अंजान थी जो रात 10 बजे के करीब मची। 18 जिंदगियां एक झटके में हमेशा के लिए चली गईं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में काम करने वाले कुली ने एएनआई से बातचीत में कल रात के मंजर के बारे में बताया। उसने यह भी बताया कि कैसे उसने एक 4 साल की बच्ची की जान बचाई, जिसे उसकी मां मरा मानकर रो रही थी। यह बताते हुए कुली भी भावुक हो गया।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के कुली ने 4 साल की बच्ची की जान बचाने वाली कहानी सुनाते हुए कुली ने बताया कि एक महिला रो रही थी कि उसकी 4 साल की बेटी मर गई है। मैंने बच्ची को बचाया और बाहर लाया। दो मिनट बाद,बच्ची फिर से सांस लेने लगी और वह रो पड़ी। उसकी मां की आंखों में खुशी के आंसू थे। हम अपने आप को बहादुर कहें या मूर्ख जो अपनी जान जोखिम में डालकर कूद पड़े। हमें भी डर था कि हमारी जान भी जा सकती है। हमने कई जानें बचाईं। मैंने अपने जीवन में पहली बार ऐसे दृश्य देखे हैं।
घटना के बारे में बताते हुए उस कुली ने बताया कि हम आम दिनों की तरह काम कर रहे थे,तभी अचानक हमने चीखें सुनीं। हम सब कुली, उधर भागे। हमने देखा कि बच्चे फर्श पर पड़े हैं, महिलाएं और पुरुष इधर-उधर भाग रहे हैं। लोग चिल्ला रहे थे। हमने बहुत से बच्चों को उठाया और बाहर निकाला। कुछ लोगों की मौत हो गई थी और कुछ बेहोश पड़े थे। हम उन्हें एम्बुलेंस तक ले गए। मैंने 8-10 बच्चों को बचाया। उसने आगे कहा कि उस समय पता नहीं क्या हुआ, हर बार इंतजाम बहुत अच्छा रहता है, छठ में 5 लाख के करीब भीड़ रहती है, तब भी व्यवस्था अच्छी रहती है, इस बार न जाने क्या हो गया।