चाणक्य IAS एकेडमी पर धोखाधड़ी का आरोप, डायरेक्टर्स समेत 9 लोगों पर दिल्ली में FIR
दिल्ली में चाणक्य आईएएस एकेडमी के खिलाफ 11.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। फाइनेंस कंपनी की शिकायत पर एकेडमी के सत्य निकेतन, मोती बाग स्थित केंद्र और इसके डायरेक्टर्स समेत नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

दिल्ली में चाणक्य आईएएस एकेडमी के खिलाफ 11.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। फाइनेंस कंपनी की शिकायत पर एकेडमी के सत्य निकेतन, मोती बाग स्थित केंद्र और इसके डायरेक्टर्स समेत नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
आरोप है कि एकेडमी के डायरेक्टर्स ने एकेडमी की वैल्युएशन हाई दिखाकर पहले आरबीआई रजिस्टर्ड फाइनेंस कंपनी से लोन लिया। इसके बाद कई सालों तक लोन का भुगतान टालने के बाद अंत में भुगतान करने से मना कर दिया। कंपनी के कर्मचारियों को धमकाया भी गया। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के मुताबिक, साल 2017 में शिकायतकर्ता कंपनी के डायरेक्टर्स की मुलाकात एकेडमी के डायरेक्टर अरुण कुमार मिश्रा से एकेडमी के ही कर्मचारी रामअवतार शर्मा ने कराई थी। अरुण ने खुद को शिक्षा के क्षेत्र में एक बेहद सफल उद्यमी के रूप में पेश किया और अपने बेटे वरुण मिश्रा व दीप्ति शर्मा के साथ मिलकर एकेडमी ब्रांड का वैल्युएशन अगले पांच सालों में एक हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने का दावा किया। बताया गया कि वे डिजिटल माध्यम से हर महीने लाखों रुपये कमा रहे हैं और उन्होंने विभिन्न फ्रैंचाइजी समझौते किए हैं। इन सबसे उन्हें हर महीने रॉयल्टी के रूप में करोड़ों रुपये मिल सकते हैं। इसके बाद पहली बार 19 अप्रैल, 2017 को कंपनी की ओर से एकेडमी को 35 लाख रुपये का लोन दिया गया। अप्रैल, 2022 में एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए जिसके अनुसार एकेडमी लोन की रकम को केवल व्यवसाय में ही इस्तेमाल कर सकती थी। इसी क्रम में 14 जून, 2023 तक कई बार में शिकायतकर्ता कंपनी की ओर से करीब 11.7 करोड़ रुपये आरोपी एकेडमी को लोन के रूप में दिए गए।
कॉल, ई-मेल का जवाब देना बंद किया, धमकाया
लोन देने के काफी समय बाद भी कंपनी को रुपये वापस नहीं मिले। इसको लेकर कंपनी ने ई-मेल और कॉल करना शुरू किया। कंपनी का आरोप है कि मार्च 2024 से आरोपियों ने जानबूझकर उनके कॉल या मैसेज का जवाब देना बंद कर दिया। यह भी पता चला कि आरोपियों ने अपने ही एक कर्मचारी को डायरेक्टर के रूप में पेश करना शुरू कर दिया है। लोन की रकम का दुरुपयोग करने के बाद खुद डायरेक्टर पद से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। आरोप है कि आरोपियों ने कंपनी के सभी अधिकार और नियंत्रण अपने हाथ में लेकर गैरकानूनी तरीके से पैसे निकाले हैं। जब कंपनी के प्रतिनिधियों ने आरोपियों से मुलाकात की तो उन्हें झूठे मामले दर्ज करवाने और हमले की धमकी दी गई।
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