Hindi Newsएनसीआर न्यूज़cag report on health infrastructure during arvind kejriwal rule

CAG की रिपोर्ट से शराब के बाद सेहत पर भी घिरे केजरीवाल, क्या-क्या मिली गड़बड़ी

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की, जिसमें कई तरह की खामियों को उजागर किया है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, ANIFri, 28 Feb 2025 04:16 PM
share Share
Follow Us on
CAG की रिपोर्ट से शराब के बाद सेहत पर भी घिरे केजरीवाल, क्या-क्या मिली गड़बड़ी

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट पेश की, जिसमें कई तरह की खामियों को उजागर किया है। दिल्ली के स्वास्थ्य ढांचे पर आई सीएजी की रिपोर्ट में आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान फंड के कम इस्तेमाल और कोरोना महामारी के कुप्रबंधन को उजागर किया गया है। इससे पहले शराब को लेकर आई सीएजी रिपोर्ट पर भी अरविंद केजरीवाल को घेरा जा रहा है अब भाजपा को आक्रमकता का एक और मौका मिल गया है।

255 पन्नों की इस रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में कई गंभीर खामियां हैं, जिनमें स्टाफ की कमी, दवाओं की अनुपलब्धता, अधूरी स्वास्थ्य परियोजनाएं और वित्तीय कुप्रबंधन शामिल हैं। इसमें मोहल्ला क्लीनिक में भी कई तरह की अव्यवस्था का ब्योरा दिया गया है। कैग रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी की सरकार को कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने 787.91 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए, जिसमें से 582.84 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए।

जांच-सर्जरी के लिए लंबा इंतजार
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि अलग-अलग संस्थानों में स्टाफ की कमी है। मरीजों की देखभाल में कई कमियां हैं, जैसे कि अस्पतालों में दवाओं और उपकरणों की कमी है। दवाओं के वितरण में देरी होती है। जांच और सर्जरी के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। राज्य और केंद्र सरकार के फंड से चल रहे हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट्स में देरी हुई।

मोहल्ला क्लीनिक का क्या हाल
रिपोर्ट में कहा गया है कि 21 आम आदमी मोहल्ला क्लीनक में टॉयलेट नहीं है। 15 में पावर बैकअप नहीं, 6 में जांच के लिए कोई टेबल नहीं और 12 दिव्यांगजनों के लिए उचित नहीं हैं। इसी तरह की स्थिति आयुष डिस्पेंशरी में है। जिन 49 की जांच की गई उसमें से 17 में पावर बैकअप नहीं थी। 7 में कोई टॉयलेट और 14 में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं थी।

स्टाफ की कमी और दवाओं पर भी कम पैसा खर्च

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव संसाधन के लिए जारी धन के बड़े हिस्से को खर्च नहीं किया गया। हेल्थ स्टाफ को उचित वेतन नहीं दिया गया और कम संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की गई। इस काम के लिए आवंटित 52 करोड़ में से 30.52 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए। दवाओं और पीपीई किट के लिए 119.85 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जिसमें से 83.14 करोड़ ही खर्च हुए।

तीन ही अस्पताल बने, 32 हजार का वादा था पर 1357 बेड ही लगे

सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पतालों में बेड की अत्यधिक मांग के बावजूद 1357 नए बेड ही जोड़े जा सके, जबकि वित्त वर्ष 2016 से 2020-21 तक के बजट में वादा 32000 बिस्तरों का था। रिपोर्ट में कहा गया है कि आप सरकार के दौरान केवल 3 नए अस्पताल बनाए जा सके और इन पर टेंडर राशि के मुकाबले कहीं अधिक खर्च हुआ।

असलियत उजागर कर दी है: रेखा गुप्ता
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने सीएजी की रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने के बाद एक्स पर लिखा कि इसने केजरीवाल सरकार की असलियत को उजागर किया है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली की जनता से किए गए संकल्प को पूरा करते हुए विधानसभा में सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर सदन के समक्ष दूसरी CAG ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट ने न केवल केजरीवाल सरकार की असलियत को उजागर किया है, बल्कि दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को भी बेनकाब कर दिया है।'

अगला लेखऐप पर पढ़ें