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ग्रेटर नोएडा में 5 घंटे तक गरजा बुलडोजर, शाहबेरी में होगा और भी बड़ा ऐक्शन

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में शत्रु संपत्ति पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का अभियान शुरू हो गया। जिला प्रशासन ने बुधवार को खसरा नंबर 187 पर बने दो ऑफिस और 48 दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त किया।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाThu, 29 Aug 2024 02:31 AM
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ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में शत्रु संपत्ति पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का अभियान शुरू हो गया। जिला प्रशासन ने बुधवार को खसरा नंबर 187 पर बने दो ऑफिस और 48 दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त किया। इस खसरा नंबर की कुल 10 बीघा जमीन में से ढाई बीघा को कब्जामुक्त कराया जा चुका है। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के लिहाज से मौके पर स्थानीय पुलिस, पीएसी और आरआरएफ के 300 से अधिक जवानों ने मोर्चा संभाला।

दादरी तहसीलदार ओमप्रकाश पासवान ने बताया कि शाहबेरी में अवैध दुकानों के ध्वस्तीकरण के लिए 11 बजे टीम पहुंची। हालांकि पर्याप्त संख्या में पुलिस बल न होने के चलते कार्रवाई की प्रक्रिया 12.10 पर शुरू की गई, जो शाम पांच बजे तक चली। करीब पांच घंटे तक लगातार बुलडोजर गरजता रहा। जो दुकानें तोड़ी गई हैं, वह निर्माणाधीन थीं। सभी दुकानों, भवनों को खाली करने के लिए एक सप्ताह पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका था। यह सभी दुकानें शत्रु संपत्ति पर बनी हुई हैं। खसरा नंबर 187 की कुल दस बीघा जमीन है, यहां 148 दुकानें बनी हुई है। इनमें से 96 दुकानों को मार्च 2023 में सील किया जा चुका है।

इस दस बीघा जमीन की वर्तमान में 26 करोड़ रुपये अनुमानित कीमत है। बुधवार को ढाई बीघा में बने दो ऑफिस समेत 50 दुकानों को ध्वस्त किया गया। कब्जामुक्त हुई ढाई बीघा जमीन की कीमत करीब आठ करोड़ से ज्यादा है। अभी भी इस खसरा नंबर पर 100 दुकानें बनी हैं, इन्हें भी ध्वस्त किया जाना है। प्रशासन के मुताबिक, कुछ दुकानों का निर्माण आरसीसी से किया गया है, जिन्हें जेसीबी से तोड़ने में कठिनाई आई। इन निर्मित दुकानों को तोड़ने के लिए पोकलेन और ड्रिल मशीनों का इंतजाम किया जा रहा है। प्रशासन दो से तीन दिन में दोबारा से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू करेगा। मौके पर एडीएम प्रशासन मंगलेश दुबे, एसडीएम अनुज नेहरा, दादरी लेखपाल दर्शन सिंह, डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे।

संपत्ति पर जताया मालिकाना हक

कार्रवाई के दौरान संपत्ति पर मालिकाना हक जताने वाले लोग मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। प्रशासन ने उनसे कोर्ट का स्टे इत्यादि दस्तावेज मांगे, लेकिन वह प्रस्तुत नहीं कर सके। इसके बाद पुलिस की मदद से लोगों को एक तरफ खड़ा कर दिया गया। प्रक्रिया के दौरान मौके पर शांति बनी रही। हालांकि कार्रवाई को गलत बताते हुए लोगों ने जमकर प्रशासन को कोसा।

दादरी के उपजिलाधिकारी अनुज नेहरा ने कहा कि शाहबेरी में वर्षों से शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा था। कस्टोडियन के आदेश मिलने के बाद दुकानों के ध्वस्तीकरण का अभियान शुरू किया। यहां पर करीब 10 हजार वर्गमीटर जमीन को कब्जामुक्त कराया जाना है।

क्या है शुत्रु संपत्ति

शत्रु संपत्ति का सीधा सा मतलब है शत्रु की संपत्ति। 1947 में भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, जो लोग पाकिस्तान चले गए उनकी जमीन को शत्रु सम्पत्ति कहा जाता है।

9 खसरा नंबरों में शत्रु संपत्ति

शाहबेरी गांव में खसरा नंबर 13, 30, 68, 69, 124, 125, 186, 187 और 205 में करीब 10950 वर्गमीटर से अधिक की शत्रु संपत्ति हैं। जिनमें छह खसरा नंबर की जमीन पर अवैध निर्माण हो चुका है। जिसकी कीमत का आंकलन कर रिपोर्ट कस्टोडियन को भी भेजी जा चुकी है। मार्च 2023 में प्रशासन ने 96 दुकानों को सील भी कर दिया था। खसरा नंबर 13 की 1520 वर्गमीटर जमीन पर चार भवन निर्मित है। खसरा नंबर 30 में 250 वर्गमीटर और 125 में 390 वर्गमीटर में भी अवैध कब्जा है।

पाक से आकर जमीन बेच गया था मालिक

खसरा नंबर 187 की जमीन का मालिक पाकिस्तान चला गया था। करीब 20 वर्ष पूर्व वो भारत आया और जमीन बेचकर चला गया। इसके बाद भी जमीन की कई बार खरीद फरोख्त हो चुकी है। कई लोग अब उक्त जमीन पर मालिका हक होने का दावा करते हैं।

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