Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Born in a Jat family practiced law for 16 years Know about Kailash Gehlots political journey

जाट परिवार में जन्में, 16 साल वकालत करी; जानिए कैलाश गहलोत का राजनीति सफर

उनके पास आर्ट्स और लॉ की डिग्रियां हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले वह वकालत के पेशे से जुड़े थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में करीब 16 साल वकालत की।

Ratan Gupta लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 17 Nov 2024 03:24 PM
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दिल्ली चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पूर्व सीएम केजरीवाल को लिखी चिट्ठी में इसकी वजह भी गिनाईं। इस्तीफा सामने आते ही चारो तरफ बयानबाजियां शुरू हो गई हैं। कैलाश गहलोत ने नई दिल्ली के नजफगढ़ इलाके से चुनाव जीतकर विधानसभा का रास्ता तय किया था। आइए जानतें हैं गहलोत के राजनीतिक सफर को।

राजनीति से पहले खेली कानूनी पारी

नई दिल्ली में जाट परिवार में जन्में गहलोत ने अपनी बैचलर से आगे की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली विश्वविद्यालय से की है। उनके पास आर्ट्स और लॉ की डिग्रियां हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले वह वकालत के पेशे से जुड़े थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में करीब 16 साल वकालत की। साल 2005-07 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन के कार्यकारी सदस्य के तौर पर भी चुना गया था।

नजफगढ़ सीट से जीता दो बार चुनाव

करीब 16 साल तक वकालत करने के बाद उन्होंने फरबरी 2015 में पहली बार राजनीतिक दुनिया में कदम रखते हुए चुनाव लड़ा। उस वक्त उन्होंने नजफगढ़ विधानसभा से चुनाव जीता और विधानसभा का रास्ता तय किया। हरियाणा की सीमा से सटी इस सीट से इसके बाद भी उन्होंने ही चुनाव जीता और अपना परचम लहराए रखा। इस समय आतिशी सरकार में उनके पास परिवहन,गृह, महिला और बाल विकास, सूचना प्रोद्योगिकी और प्रशासनिक सुधार जैसे बड़े पद थे।

बीजेपी में जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था

कैलाश गहलोत के इस्तीफे के पीछे की बात भी सामने आई है। इस्तीफा स्वीकार हो जाने के बाद आप के सूत्र ने बताया कि कैलाश गहलोत के ऊपर ईडी और इनकम टैक्स से जुड़े कई मामले चल रहे थे। उनके ऊपर कई बार रेड भी हो चुकी थी। अब उनके बीजेपी में जाने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा था। आप के एक सूत्र ने कहा कि ये बीजेपी का गंदा षडयंत्र है। बीजेपी दिल्ली चुनाव को ईडी और सीबीआई के बल पर जीतना चाहती है।

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