NGO और AAP का क्या कनेक्शन; स्कूलों को मिली बम की धमकी मामले में BJP का बड़ा आरोप
- दिल्ली पुलिस ने स्कूलों को मिली बम की धमकी मामले में बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि इसमें एक एनजीओ और एक राजनीतिक दल का कनेक्शन सामने आया है। हालांकि उनका नाम नहीं बताया गया था।
पिछले दिनों में दिल्ली के स्कूलों को मिली बम की धमकी मामले में दिल्ली पुलिस ने एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। इसी के साथ एक एनजीओ और एक राजनीतिक दल से भी इसका कनेक्शन सामने आया है। भाजपा का आरोप है कि वह राजनीतिक दल कोई और नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी है। भाजपा ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल से जवाब भी मांगा है। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, जिस ओर मामले की जांच जा रही है, निसंदेह, एनजीओ, आतिशी, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी कहीं ना कहीं एक सूत्र में बंधते नजर आ रहे हैं।
'नाबालिग सिर्फ मोहरा है क्या' ?
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, दिल्ली के अलग-अलग स्कूलों में बम की धमकियां एक नाबालिग ने भेजी थीं। जांच के बाद पता चला कि उनके माता-पिता और अभिभावक कुछ एनजीओ से जुड़े थे जो अफजल गुरु की फांसी का विरोध करने जैसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। अगर कोई नाबालिग अपने दम पर ऐसा कर रहा है , फिर उसे कैसी शिक्षा मिल रही है? या फिर वह सिर्फ एक मोहरा है और दिल्ली में माहौल और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश में उसके माता-पिता और एनजीओ की भूमिका है?"
'अरविंद केजरीवाल साफ करें'
उन्होंने कहा, आम आदमी पार्टी का संबंध तमाम ऐसे अवांछित एनसीओ और तमाम ऐसी गतिविधियों से रहा है जो अफजल गुरु की फांसी और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। ऐसे में यह रहस्य गहरा रहा है कि वह एनसीओ कौन है औऱ एनजीओ के लोग कौन है। उनका आम आदमी पार्टी से कोई संबंध है क्या? उन्होंने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल से इस मामले पर सफाई देने की मांग भी की है।
वहीं वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, दिल्ली पुलिस की जांच से पता चला है कि नाबालिग को आगे कर जिस एनजीओ का सामने आ रहा है और जो संबंध अफजल गुरु से मिलते हुए दिखाई दे रहा है, मुझे यह कहने में संकोच नहीं है कि कहीं ना कहीं अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी इसके घेरे में हैं।
दिल्ली पुलिस ने क्या किया दावा?
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि हाल ही में शहर के 400 से अधिक स्कूलों में बम की धमकी भेजने के आरोप में पकड़ा गया 12वीं कक्षा का छात्र एक ऐसे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) से जुड़ा हुआ है जो एक राजनीतिक दल का समर्थन करता है।
पुलिस के एक अधिकारी ने आगे बताया कि जांच के दौरान उन्हें यह भी पता चला कि इस एनजीओ ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का समर्थन किया था।
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) मधुप तिवारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, “हम ई-मेल ट्रैक कर रहे थे और वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) की वजह से, उनके स्रोत का पता लगाना मुश्किल था। हमें यह भी पता लगाना था कि क्या इसमें कोई आतंकी पहलू भी है। उन्होंने कहा कि वीपीएन के उपयोग के कारण सेवा प्रदाता पुलिस की मदद नहीं कर पा रहे हैं।
अधिकारी ने कहा, हमारी टीमों ने आठ जनवरी को हाल ही में मिले ईमेल के बाद नाबालिग को ट्रैक किया। चूंकि ईमेल भेजने वाला एक किशोर था, इसलिए टीम ने फोरेंसिक जांच के लिए उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया।
पुलिस टीमों ने नाबालिग द्वारा भेजे गए 400 धमकी भरे ईमेल ट्रैक किए। उन्होंने उसके पिता की पृष्ठभूमि की भी जांच की, जो एक एनजीओ के साथ काम कर रहे हैं, और पता चला कि यह संगठन एक नागरिक संस्था समूह का हिस्सा है जो अफजल गुरु की फांसी के मुद्दे को उठाता रहा है और एक राजनीतिक दल की मदद भी कर रहा है। राजनीतिक दल का नाम लिए बगैर अधिकारी ने कहा कि टीम मामले की आगे जांच कर रही हैं।
भाषा से इनपुट