Hindi Newsएनसीआर न्यूज़bantoge to lutoge Rakesh Tikait warned farmers by giving cm yogi slogan example in greater noida kisan mahapanchayat

बंटोगे तो लुटोगे; राकेश टिकैत ने किसान महापंचायत में योगी के नारे की मिसाल देकर किसानों को चेताया

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर के बाहर हुई किसान महापंचायत के दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे बंटेंगे तो कटेंगे को किसानों की एकता के लिए उपयुक्त बताया।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडा। हिन्दुस्तानTue, 26 Nov 2024 08:39 AM
share Share
Follow Us on

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 12 से अधिक किसान संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर प्रदर्शन किया। महापंचायत में गौतमबुद्धनगर के अलावा गाजियाबाद, बुलंशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा आदि जिलों के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली और निजी वाहनों में सवार होकर पहुंचे थे।

किसान महापंचायत के दौरान भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे बंटेंगे तो कटेंगे को किसानों की एकता के लिए उपयुक्त बताया। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों को बंटोगे तो लुटोगे का नारा दिया। टिकैत ने कहा कि वो ही कह रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे। किसानों पर यह बात पूरी तरह फिट बैठती है। किसान जब तक अलग-अलग बिखरे हुए अपनी लड़ाई लड़ेंगे, तब तक उन्हें सफलता मिलनी संभव नहीं है। उन्होंने किसानों के सभी संगठनों को एक साथ आकर लड़ने का आह्वान किया है। 

छावनी में तब्दील कर दिया गया था प्राधिकरण दफ्तर

किसान महापंचायत के दौरान एहतियात के तौर पर प्राधिकरण दफ्तर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था और भारी तादाद में पुलिस और पीएसी के जवान मुस्तैद रहे। किसानों को रोकने के लिए जगह-जगह पर बैरिकेडिंग की गई थी। प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष कुमार द्विवेदी और अन्य अधिकारी किसानों के बीच पहुंचे।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले भारतीय किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान सभा, जय जवान जय किसान मोर्चा आदि संगठनों के कार्यकर्ता अलग- अलग स्थानों पर इकट्ठा हुए और जुलूस के रूप में प्राधिकरण दफ्तर पर पहुंचे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्राधिकरण के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी। पुलिस अधिकारी भी सुबह से ही मुस्तैद रहे। प्रदर्शनकारी किसान प्राधिकरण गेट तक न पहुंचने पाए, इसके लिए दोनों गेटों पर पुलिस का कड़ा पहरा बैठा मजबूत बैरिकेडिंग कर रखी है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किसानों को प्राधिकरण दफ्तर के पास स्थित पार्क में महापंचायत स्थल तक पहुंचाया गया। किसानों के समर्थन में पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि अगर गौतमबुद्धनगर के किसान लड़ाई हार गए तो देश देश का किसान लड़ाई हारेगा। किसानों की जमीन छीनने की शुरुआत नोएडा से की गई है। जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान 10 फीसदी भूखंड की मांग कर रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।

पांच माह से धरने पर बैठे हैं किसान : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के बैनर तले 39 गांवों के किसानों का अनिश्चितकालीन धरना पिछले पांच माह से जारी है। संगठन के जिलाध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह मुखिया ने ऐलान किया है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा। धरनारत किसान 10 फीसदी भूखंड, 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, रोजगार, आबादी की लीजबैक आदि मांगों पर अड़े हैं।

अधिकारी किसानों के बीच बैठे

प्राधिकरण के एसीईओ आशुतोष कुमार द्विवेदी और एसीईओ सुनील कुमार सिंह किसानों की बात सुनने के लिए महापंचायत स्थल पर उनके बीच पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के पवन खटाना और अन्य ने कहा कि किसानों के बीच बैठकर बात की जाएगी। अधिकारी इस पर तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा कि जब तब अधिकारी उनके बीच नहीं बैठेंगे, कोई बात नहीं की जाएगी। इस बीच किसानों ने गेट बंद करने और सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया। इसके बाद एसीईओ आशुतोष कुमार द्विवेदी, डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र गौतम और अन्य दोबारा मौके पर पहुंचे और किसान प्रतिनिधियों से वार्ता की, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

दिल्ली कूच की तैयारी

महापंचायत में किसान संगठनों ने आम सहमति पर दिन-रात का महापड़ाव शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर तीन दिन 25 से 27 नवंबर और यमुना प्राधिकरण पर चार दिन 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक महापड़ाव करने के बाद 2 दिसंबर को दिल्ली कूच का निर्णय बरकरार रखा है। सभा की अध्यक्षता राजस्थान से आए किसान नेता दशरथ कुमार ने की और संचालन ऊदल आर्य और राजीव मलिक ने किया। महापंचायत को हन्नान मौला, अनिल तालान, सुनील फौजी, डॉ. रूपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा, सोरेन प्रधान, डॉ. विकास जतन प्रधान, बृजेश भाटी, आदि किसान नेताओं ने संबोधित किया।

समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया

प्राधिकरण दफ्तर पर किसानों की महापंचायत और महापड़ाव में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी ने पार्टी की तरफ से समर्थन दिया है। सुधीर भाटी ने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारियों और भाजपा सरकार की तानाशाही के चलते आज जिले के किसानों को अपने अधिकार के लिए सड़क पर उतरकर संघर्ष करना पड़ रहा है। सरकार किसानों को उनका हक देने के लिए तैयार नहीं है। इस मौके पर मेहंदी हसन, दीपक भाटी, विनोद लोहिया, अक्षय चौधरी, हैप्पी पंडित, रोहित मत्ते गुर्जर, मोहित यादव, कुलदीप भाटी, अनिल प्रजापति आदि मौजूद रहे।

किसानों की 5 प्रमुख मांगें

● पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को 10 फीसदी प्लॉट।

● 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा

● 1 जनवरी 2014 के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा।

● भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के लाभ व आबादियों का निस्तारण।

● हाई पावर कमेटी द्वारा किसानों के हक में पास किए गए मुद्दों पर शासनादेश लाकर उन्हें लागू किया जाए।

अगला लेखऐप पर पढ़ें