ग्रेटर नोएडा से बैंक मैनेजर पति-पत्नी गिरफ्तार, बंद बीमा पॉलिसी के बहाने ऐसे लगाते थे लोगों को चूना
उत्तर प्रदेश पुलिस की कानपुर साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने बंद बीमा पॉलिसी फिर से शुरू कराने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले पति-पत्नी को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया। पकड़े गए दोनों पति-पत्नी नोएडा के निजी बैंकों में मैनेजर हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस की कानपुर साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने बंद बीमा पॉलिसी फिर से शुरू कराने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले पति-पत्नी को ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया। पकड़े गए दोनों पति-पत्नी नोएडा के निजी बैंकों में मैनेजर हैं।
पुलिस टीम ने आरोपियों के बैंक खाते में मौजूद 11.34 लाख रुपये फ्रीज करने के साथ पांच लाख की ज्वेलरी, एक लाख नकद, आठ फोन, 12 अलग-अलग फर्म व विभाग की मुहरें, स्वाइप मशीन और क्रेटा गाड़ी ज्जब्त की है। जांच में पता चला है कि जस्ट डायल साइट से डेटा खरीदकर दोनों लोगों को अपना शिकार बनाते थे।
कानुपर के पुलिस लाइन सभागार में गुरुवार को डीसीपी क्राइम ने बताया कि अक्तूबर व नवंबर में लालबंगला निवासी लेदर कारोबारी मोहम्मद इस्माइल के साथ लैप्स पॉलिसी चालू कराने के नाम पर 41 लाख की ठगी हुई थी। साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज कर शातिरों के कॉल नंबरों की जांच हुई। प्राप्त लोकेशन के आधार पर पवन कुमार और उसकी पत्नी रेनू को ग्रेटर नोएडा से पकड़ा गया। वर्तमान में दोनों ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाने के ऑक्सी होम्स जीआर गार्डन-2 में रह रहे थे। पवन इंडसइंड बैंक में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर और पत्नी रेनू रत्नाकर बैंक लिमिटेड (आरबीएल) में रिलेशनशिप मैनेजर थी।
उन्होंने बताया कि आरोपी दंपती ने जस्ट डायल से ब्रेक और लैप्स बीमा पॉलिसी का डेटा खरीदा था। उन्होंने राजस्थान में ढाई लाख और गुजरात में साढ़े सात लाख रुपये की ठगी की है। पूछताछ में ठग दंपती ने बताया कि दोनों ने 2019 में लव मैरिज की थी। फिर कपड़े का कारोबार शुरू किया। उसमें उन्हें 40 लाख रुपये का घाटा हो गया। घाटे से उबरने के लिए वो ठगी करने लगे। उन्होंने भी जस्ट डायल से ब्रेक और लैप्स पॉलिसी का डेटा खरीदा था।
कार से घूमकर करते थे फर्जीवाड़ा
डीसीपी क्राइम ने बताया कि गिरफ्तार किया गया पवन कार से आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी और सुल्तानपुर में घूमता रहता था और इसी दौरान फर्जीवाड़ा करता था। इससे उसकी अलग-अलग लोकेशन आती थी। पत्नी रेनू ने ही फर्जी खाता खोलकर ठगी का पैसा पीड़ित से मृदुला पांडे के खाते में मंगवाया।
10 पॉलिसी के नाम पर 41 लाख रुपये वसूले
पीड़ित कारोबारी मोहम्मद इस्माइल ने बताया कि उनके परिवार की 10 बीमा पॉलिसी हैं। कोरोना काल में सभी बंद हो गईं। पवन ने बंद पॉलिसी को चालू कराने के बदले में 1.06 करोड़ दिलाने का दावा किया था। आठ बार में उसे 41 लाख रुपये दिए। जब वह और पैसे मांगने लगा तो शक हुआ। अपने सीए से बात की तो ठगी का पता चला। साइबर टीम ने फर्जीवाड़े में दोनो शातिरों को दबोचा है।
फर्जी बीमा लोकपाल का नोटिस भेजते थे
एसीपी ने बताया कि अगर किसी ने पैसा नहीं दिया तो ठग फर्जी बीमा लोकपाल परिषद और डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर का नोटिस भेजकर उसे धमकाते थे। नोटिस देखकर लोग झांसे में आ जाते थे। पवन इससे पहले रिलांयस इश्योरेंस और एक कॉल सेंटर में काम कर चुका था, जिसमें इस तरह की बंद पॉलिसी को खोलने का काम होता था।