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दिल्ली में फिर धराए बांग्लादेशी घुसपैठिये, पुलिस ने 6 को पकड़ा; कई सालों से रह रहे थे और कर रहे थे यह काम

पुलिस का कहना है कि उसने आरोपी दंपति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है और जरूरी व उचित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें पूरे परिवार के साथ बांग्लादेश वापस भेजने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

Sourabh Jain पीटीआई, नई दिल्लीTue, 13 May 2025 01:02 AM
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दिल्ली में फिर धराए बांग्लादेशी घुसपैठिये, पुलिस ने 6 को पकड़ा; कई सालों से रह रहे थे और कर रहे थे यह काम

देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ जारी अभियान के बीच पुलिस को सोमवार को एकबार फिर उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली, जब उसने यहां रह रहे चार बच्चों समेत 6 बांग्लादेशी घुसपैठियों को ढूंढ निकाला। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि इस परिवार के मुखिया का नाम साहिदुल हुसैन (45) और उसकी पत्नी का नाम पारुल बेगम (35) है। जो कि अपने चार बच्चों के साथ बीते 5 साल से भी ज्यादा समय से राष्ट्रीय राजधानी के बवाना इलाके में अवैध रूप से रह रहे थे।

पुलिस के अनुसार इस बारे में एक खुफिया सूचना मिलने पर उसने बवाना इलाके में बनी कुछ झुग्गियों पर छापा मारा, जहां यह परिवार रह रहा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'शुरुआती पूछताछ के दौरान दंपति ने अपने बांग्लादेशी मूल के होने की बात से इनकार किया, लेकिन मांगने पर भी वे कोई वैध भारतीय पहचान दस्तावेज नहीं बता सके। हालांकि लगातार चली पूछताछ के बाद जब उनके सामान की तलाशी ली गई तो उनके पास बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद हुए, जिसके बाद उन्होंने खुद के पड़ोसी देश का नागरिक होने की बात स्वीकार कर ली।'

हुसैन ने खुलासा किया कि वह अपने परिवार के साथ 2019 में पश्चिम बंगाल के रास्ते अवैध रूप से भारत में घुसा था। उसने पुलिस को बताया कि वह बांग्लादेश के कुरीग्राम जिले के कामलारकुटी गांव का रहने वाला है। जहां से उसका परिवार बालाहाट पहुंचे और दोनों देशों के बीच स्थित बिना बाड़ वाले इलाकों से होते हुए सीमा पार कर गए। इसके बाद वे दिनहाटा रेलवे स्टेशन पहुंचे और ब्रह्मपुत्र मेल में सवार होकर दिल्ली आ गए।

हुसैन ने आगे बताया कि दिल्ली पहुंचने के बाद उसने हरियाणा के खरखौदा में विभिन्न ईंट भट्टों पर काम किया, जहां उसे अपने परिवार के साथ बवाना जाने से पहले प्रति सप्ताह लगभग 5,000 रुपए मिलते थे। अधिकारी ने कहा, 'वे बिना किसी कानूनी दस्तावेज के एनसीआर क्षेत्र में रह रहे थे और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के साथ घुलने-मिलने की कोशिश कर रहे थे।'

पुलिस का कहना है कि उसने आरोपी दंपति के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई है और जरूरी व उचित औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें पूरे परिवार के साथ बांग्लादेश वापस भेजने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

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