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आयुष्मान कार्डधारकों को बिना इलाज के वापस लौटा रहे फरीदाबाद के निजी अस्पताल, क्या है वजह

भाजपा शासित हरियाणा के फरीदाबाद में लोगों को फिलहाल आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां के निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को अब बिना इलाज किए ही वापस लौटा रहे हैं।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, फरीदाबाद। हिन्दुस्तानTue, 4 March 2025 03:39 PM
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आयुष्मान कार्डधारकों को बिना इलाज के वापस लौटा रहे फरीदाबाद के निजी अस्पताल, क्या है वजह

भाजपा शासित हरियाणा के फरीदाबाद में लोगों को फिलहाल आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। यहां के निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को अब बिना इलाज किए ही वापस लौटा रहे हैं। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा निजी अस्पतालों का समय से भुगतान नहीं होना है। शहर के निजी अस्पतालों के 8 करोड़ रुपये के बिल लंबित हैं। इसके चलते अधिकांश फरीदाबाद के निजी अस्पताल योजना के लाभार्थियों को भर्ती करने से बच रहे हैं।

केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निजी अस्पताल में बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए 2018 में आयुष्मान शुरुआत की गई थी। इसके तहत लाभार्थियों को 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है और बिल का भुगतान सरकार करती है। पिछले वर्ष भी प्रदेश के निजी अस्पतालों ने तीन बार आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का इलाज बंद कर दिया था। हालांकि, सरकार से बातचीत के बाद निजी अस्पतालों ने इलाज शुरू कर दिया गया था। बता दें कि 350 करोड़ रुपये राशि बकाया है। इसमें फरीदाबाद के अस्पतालों के 8 करोड़ रुपये बकाया हैं।

आईएमए आयुष्मान कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुरेश अरोड़ा का कहना है कि समय पर भुगतान नहीं होने और सरकार ने इलाज के रेट बहुत कम किए हुए हैं। इसके बाद भी सरकार बिल में कटौती करती है। यह कारण है कि निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने से बचते हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि मेरे पास एक भी ऐसी शिकायत नहीं आई, जिसमें निजी अस्पताल रोगी को आयुष्मान योजना के तहत भर्ती न कर रहे हों। यदि किसी को कोई समस्या है तो वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आकर लिखित शिकायत दें।

अस्पताल भर्ती करने में आनाकानी करते हैं

भारत कॉलोनी निवासी संजू का कहना है कि कुछ दिन पूर्व पत्नी के कंधे की हड्डी टूट गई थी। किसी निजी अस्पताल ने भर्ती नहीं किया। उन दिनों सरकारी अस्पताल में छुट्टी थी। छुट्टियां खत्म होने पर बीके अस्पताल में डॉक्टरों ने आयुष्मान के तहत इलाज किया। निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का इलाज करने में आनाकानी करते हैं।

बेड नहीं है, कहकर लौटा दिया मुझे

एसी नगर निवासी सीमा का कहना है कि अभी गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। बड़े अस्पताल में आयुष्मान कार्ड लेकर गई थी, लेकिन यह कहकर लौटा दिया कि बेड नहीं है। दो-तीन और अस्पतालों में गई थी। वहां से भी लौटा दिया गया। अंत में अधिकारी की सिफारिश के बाद निजी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत भर्ती कर इलाज किया गया था।

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