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कहना हमारे बीच एक पागल आया था; जेल में बंद ताहिर हुसैन के लिए दिल्ली में उतरे असदुद्दीन ओवैसी

  • ओवैसी के मंच पर पहुंचने से पहले जनसभा में पहुंचे लोगों ने 'देखो-देखो कौन आया... शेर आया शेर आया' और 'नारा-ए-तदबीर अल्लाह-हू-अकबर' के नारे लगाते हुए गर्मजोशी से ओवैसी का स्वागत किया।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 19 Dec 2024 11:03 AM
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दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए AIMIM ने भी प्रचार शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पार्टी प्रमुख बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्तफाबाद सीट से अपने उम्मीदवार और जेल में बंद दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन के समर्थन में रैली करने पहुंचे।

बुधवार देर रात को रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने अरविंद केजरीवाल को सांप्रदायिक और फिरकापरस्त बताया और कहा कि नरेंद्र मोदी और केजरीवाल दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने लोगों के बीच मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया, साथ ही कहा कि 75 सालों तक मुस्लिमों को सेक्यूलरिज्म की अफीम चटाकर सुलाए रखा गया।

'उनसे कहना एक पागल असद आया था…'

जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, 'आप उनसे कहना कि अब हम सोने वाले नहीं हैं, अब हम जाग चुके हैं। तुमने 75 साल से हमको इस झूठी धर्मनिरपेक्षता की अफीम चखा-चखाकर सुलाए रखा, तुमने हमको सुला दिया। लेकिन अब हम जागने वाले हैं, जो लोग हमसे कह रहे हैं कि देखो खामोश हो जाओ, सो जाओ, उनसे कहो कि हमारे बीच एक पागल असद आया है, जो हमारा शेर है और हमको जागने की आदत डाल चुका है। अब जागेंगे और सोएंगे नहीं। अब हम होशमंदी से अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे।'

केजरीवाल को बताया सबसे बड़ा सांप्रदायिक

ओवैसी ने कहा, 'मुझे यहां पर ये बताया गया कि दिल्ली में 2022 में वो फसाद हुआ, यहां का मुख्यमंत्री अगर मरने वालों को 1 करोड़ देता है और सरकारी नौकरी देता है तो दूसरे भी तो मरे उनको क्यों नहीं दिया तुमने मुआवजा और सरकारी नौकरी। अरे तुम फिरकापरस्त हो केजरीवाल भारत में तुमसे बड़ा कोई फिरकापरस्त नहीं हो सकता है। नरेंद्र मोदी का कोई हकीकी भाई है तो उसका नाम अरविंद केजरीवाल है। याद रखो आप, ये दोनों सिक्के के दो रुख हैं ये। अरे फसाद में सब मरे, मरने वाले मासूम थे तो सबको देना था सरकारी नौकरी और मुआवजा, मगर नहीं दिए।'

'वो यहां पर मुसलमानों के पास आएंगे तो बोलेंगे कि देखो आपकी जिंदगी को हम बचा रहे हैं, और हिंदू इलाकों में जाएंगे तो बोलेंगे कि देखो हमने स्कूल बनाया, अस्पताल बनाया, मुस्लिम इलाकों में अस्पताल-स्कूल क्यों नहीं बने। मेरे अजीज दोस्तों और बुजुर्गों, जो लोग चमचागिरी करते हैं, जो लोग चापलूसी करते हैं, जो अपने ईमान को हथियारों की चौखट पर बेच देते हैं, गिरवी रख देते हैं, वो लोग कभी भी अवाम की आवाज नहीं बन सकते। मेरी इस बात को याद रखना आप।'

मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया

सभा में उन्होंने मुसलमानों को आरक्षण देने का मुद्दा उठाते हुए कहा जब संविधान बन रहा था तब संविधान सभा में मौलाना अबुल कलाम आजाद ने मुसलमानों को आरक्षण देने की मांग की थी। उन्होंने उस आरक्षण की मांग की थी जो बंटवारे से पहले मुसलमानों को हासिल था। लेकिन सरदार पटेल ने उस वक्त मुस्लिम लीग के बागियों के जरिए आजाद से कहलवा दिया था कि मौलाना आजाद आप भारत के मुसलमानों को अलग-थलग करना चाहते हैं। तब मौलाना आजाद ने कहा था कि ये भारत जहां पर संविधान बनाया जा रहा है ये मेरे लिए एक नया कैदखाना बन गया। 75 साल पहले बाबा साहब आंबेडकर ने इस बात को कह दिया कि भारत के अल्पसंख्यकों को कभी भी सत्ता में उनको हिस्सेदारी नहीं दी जाएगी। और अगर वो सरकार में अपने हिस्से को मांगेंगें तो उन पर एक इल्जाम लगा दिया जाएगा कि वो फिरकापरस्त हैं।'

'बाबा साहेब आंबेडकर ने यह कहा कि इसी को देखते हुए मैंने शेड्यूल कास्ट के लिए संविधान में उनके हुकूक की हिफाजत के लिए मैंने उसको संविधान में लिखाया। बताइए कि 75 साल में क्या बदला, लोग आज असदुद्दीन ओवैसी पर इल्जाम तो लगाते हैं भड़काऊ भाषण का, मगर जो बात मौलाना आजाद ने कही थी, आज 75 साल के बाद भी हम इस बात का मुतालिबा कर रहे हैं कि हमको रिजर्वेशन मिले, मजहब की बुनियाद पर नहीं बल्कि समाजी, इख्तसादी और तालीमी पसमांदगी की बुनियाद पर मिले।'

ताहिर हुसैन के लिए वोट मांगते हुए ओवैसी ने कहा,'इज्जत की जिंदगी अगर गुजारना है तो सिर्फ नारों से हम इज्जत की जिंदगी नहीं गुजार सकते। तुमको अपनी आवाज भी दिल्ली की विधानसभा में पहुंचाना होगा। वर्ना हम सिर्फ वोट डालने वाले बनकर रह गए, हम वोट हासिल करने वाले नहीं बन सके।'

ओवैसी के मंच पर पहुंचने से पहले जनसभा में पहुंचे लोगों ने 'देखो-देखो कौन आया... शेर आया शेर आया' और 'नारा-ए-तदबीर अल्लाह-हू-अकबर' के नारे लगाकर गर्मजोशी से ओवैसी का स्वागत किया।

4 साल से जेल में बंद हैं ताहिर हुसैन

बता दें कि AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) ने दिल्ली की मुस्तफाबाद सीट से आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को मैदान में उतारा है। हुसैन 2020 के दिल्ली दंगों के मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं। दंगों के सिलसिले में उनका नाम आने के बाद AAP ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

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