अपराधी तो नहीं बन रहे स्कूल ड्रॉपआउट? दिल्ली सरकार ने मांगी जानकारी, पुलिस के साथ मिलकर करेगी यह काम
दिल्ली सरकार ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह प्रत्येक छह माह में ऐसे छात्रों की जानकारी पुलिस से साझा करें जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। दरअसल, राजधानी में प्रत्येक वर्ष 80 से 85 फीसदी अपराधों को फर्स्ट टाइमर (पहली बार अपराध करने वाले) द्वारा अंजाम दिया जा रहा है।

दिल्ली सरकार ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह प्रत्येक छह माह में ऐसे छात्रों की जानकारी पुलिस से साझा करें जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। ऐसे बच्चों की पहचान कर पुलिस उन्हें अपराध की राह पर जाने से रोकेगी। दरअसल, राजधानी में प्रत्येक वर्ष 80 से 85 फीसदी अपराधों को फर्स्ट टाइमर (पहली बार अपराध करने वाले) द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। इसमें भी बड़ी संख्या ऐसे युवाओं की हैं जो स्कूल के दौरान ही पढ़ाई छोड़ चुके हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार ने यह पहल की है।
अप्रैल माह में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह मुद्दा उठाया गया। उन्हें बताया गया कि वर्ष 2024 में दिल्ली के भीतर हुई आपराधिक घटनाओं में लगभग 85 फीसदी फर्स्ट टाइमर थे। ये ऐसे आरोपी थे जिनका पुराना कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। ऐसे में न केवल उन्हें पकड़ना मुश्किल होता है बल्कि अपराध को रोकना भी एक बड़ी चुनौती है।
बैठक में बताया गया कि चोरी, झपटमारी, लूट जैसी अधिकांश आपराधिक वारदातों में ऐसे युवा शामिल हैं जिन्होंने बीच में ही स्कूल से पढ़ाई छोड़ दी थी। अपराध पर लगाम लगाने के लिए ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें अपराध से दूर रखना बेहद आवश्यक है। बैठक के दौरान मुख्य सचिव की तरफ से शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिए गए कि वह प्रत्येक छह माह में ऐसे बच्चों की जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ साझा करेंगे जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। पुलिस द्वारा ऐसे बच्चों का सत्यापन किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि यह संभावना है कि पढ़ाई छोड़ने वाला बच्चा अपने पिता के साथ कारोबार में लग गया हो या कहीं नौकरी करने लगा हो। लेकिन इनमें ऐसे बच्चों की संख्या भी होगी जो कोई काम नहीं कर रहे होंगे। इन्हीं बच्चों के अपराध की तरफ जाने की आशंका रहती है। इसलिए इन बच्चों को चिन्हित करने के बाद परिवार की सहमति से पुलिस उन्हें अपने युवा कार्यक्रम से जोड़कर कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाएगी। इसके माध्यम से बच्चे को रोजगार से जोड़ा जाएगा ताकि वह अपराध की तरफ न जाए।
सभी जिलों में ब्वॉयज क्लब बनाने के निर्देश
बैठक में पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह नाबालिगों एवं युवाओं को अपराध एवं नशे से दूर रखने के लिए एंटी ड्रग्स क्लब एवं ब्वॉयज क्लब बनाए। दिल्ली में कुछ जिलों के भीतर पहले से ब्वॉयज क्लब बने हुए हैं। लेकिन बैठक में दिल्ली के सभी 15 जिलों में ब्वॉयज क्लब एवं एंटी ड्रग्स क्लब बनाने के निर्देश दिए गए हैं। ब्वॉयज क्लब के माध्यम से अलग-अलग खेलों से पुलिस बच्चों को जोड़ती है। वहीं एंडी ड्रग्स क्लब के माध्यम से बच्चों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा और इसके नुकसानों से अवगत कराया जाएगा।
अहम बातें
● शिक्षा विभाग हर छह माह में ऐसे छात्रों की जानकारी पुलिस से साझा करेगा जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया
● राजधानी में 85 फीसदी अपराधों को फर्स्ट टाइमर अंजाम दे रहे। इसमें बड़ी संख्या ऐसे युवाओं की जो पढ़ाई बीच में ही छोड़ चुके हैं