ऑल्ट न्यूज के जुबैर ने गाजियाबाद पुलिस की FIR को HC में दी चुनौती, यति नरसिंहानंद से जुड़ा है मामला
‘ऑल्ट न्यूज’ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने गाजियाबाद में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की है।
‘ऑल्ट न्यूज’ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने गाजियाबाद में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की है। पिछले महीने दर्ज एफआईआर में विवादास्पद महंत यति नरसिंहानंद की एक सहयोगी द्वारा की गई शिकायत में मोहम्मद जुबैर पर धार्मिक समूहों के बीच वैमनस्यता बढ़ाने के साथ ही अन्य आरोप भी लगाए गए हैं।
यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव उदिता त्यागी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मोहम्मद जुबैर ने 3 अक्टूबर, 2024 को मुस्लिमों के बीच नरसिंहानंद के खिलाफ हिंसा भड़काने के इरादे से उनके एक पुराने कार्यक्रम का वीडियो पोस्ट किया।
शिकायत में यह आरोप भी लगाया गया कि जुबैर ने ‘एक्स’ पर यति का संपादित वीडियो पोस्ट किया जिसमें पैगंबर मोहम्मद पर कथित तौर पर अशोभनीय टिप्पणी थी। इसका उद्देश्य यति के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काना था। जुबैर ने अपने एक्स पोस्ट में नरसिंहानंद के कथित भाषण को ‘अपमानजनक’ कहा है।
मोहम्मद जुबैर पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना), 228 (झूठे साक्ष्य तैयार करना), 299 (धार्मिक भावनाएं भड़काने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य) और 351 (2) (आपराधिक धमकी के लिए दंड) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जुबैर ने रिट याचिका में हाईकोर्ट से एफआईआर रद्द करने और उत्पीड़न की कार्रवाई से सुरक्षा दिए जाने का अनुरोध किया है। अपनी याचिका में जुबैर ने कहा कि उनका ‘एक्स’ पोस्ट यति के खिलाफ हिंसा की वकालत नहीं करता, बल्कि इसने नरसिंहानंद के कार्यों के बारे में पुलिस अधिकारियों को महज सचेत किया।
याचिका में यह भी कहा गया है कि पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी उस समय की गई जब यति नरसिंहानंद घृणास्पद भाषण के एक दूसरे मामले में जमानत पर बाहर थे और उसमें जमानत की शर्त थी कि वह ऐसा कोई बयान नहीं देंगे जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ता हो।
इस मामले में अगले सप्ताह एक डिवीजन बेंच द्वारा सुनवाई किए जाने की संभावना है। वहीं, यति नरसिंहानंद को पैगंबर मोहम्मद और कुरान के खिलाफ सवाल उठाने से रोकने की मांग के साथ एक जनहित याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट में लंबित है।