गाजियाबाद के वसुंधरा में 10 एकड़ जमीन पर बनेगा एम्स का सेटेलाइट सेंटर, कई शहरों को मिलेगा लाभ
गाजियाबाद के वसुंधरा में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनेगा। आवास एवं विकास परिषद की शुक्रवार को लखनऊ में हुई बोर्ड बैठक में सेंटर के लिए जमीन देने का प्रस्ताव पास होते ही इस पर मुहर लग गई।

गाजियाबाद के वसुंधरा में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनेगा। आवास एवं विकास परिषद की शुक्रवार को लखनऊ में हुई बोर्ड बैठक में सेंटर के लिए जमीन देने का प्रस्ताव पास होते ही इस पर मुहर लग गई। आवास विकास परिषद वसुंधरा सेक्टर 7 में साहिबाबाद नमो भारत स्टेशन के पास अपनी 10 एकड़ जमीन सेटेलाइट सेंटर बनाने के लिए देगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते साल घोषणा की थी कि गाजियाबाद में एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनाया जाएगा। इसके बाद एम्स की टीम ने गाजियाबाद में तीन इलाकों में जमीन देखी थी। वसुंधरा के अलावा परिषद ने एम्स के अधिकारियों को मंडोला विहार और सिद्धार्थ विहार में जमीन दिखाई थी। वसुंधरा की जमीन अधिकारियों को अधिक पसंद आई, क्योंकि यह दिल्ली के पास है और नमो भारत ट्रेन और मेट्रो की कनेक्टिविटी भी है। इसी आधार पर आवास एवं विकास परिषद की लखनऊ में हुई बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से पास करते हुए वसुंधरा सेक्टर सात की 10 एकड़ जमीन सेंटर को देने की सहमति दी गई। इस प्रस्ताव के आधार पर एम्स को पत्र भेजा जाएगा, जिसके बाद एम्स प्रबंधन की ओर से यहां पर सेंटर बनाने की शुरुआत की जाएगी।
अस्पताल के लिए ही आरक्षित थी जमीन
वसुंधरा सेक्टर सात और आठ में परिषद की करीब 80 एकड़ जमीन सालों से खाली है। परिषद ने सेटेलाइट सेंटर बनाने के लिए जो जमीन देने का प्रस्ताव पास किया है, वह पहले से अस्पताल के लिए आरक्षित है। ऐसे में जमीन का भूउपयोग बदलने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी और सेंटर का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सकेगा।
कई शहरों को लाभ मिलेगा
एम्स का सेटेलाइट सेंटर गाजियाबाद में बनने से दिल्ली स्थित एम्स का भार कम होगा। वहीं इसका फायदा कई शहरों के लोगों को भी मिलेगा। एम्स का इलाज दिल्ली के बजाय अब गाजियाबाद में ही मिल सकेगा। एम्स का यह सेंटर बनने के बाद गाजियाबाद के अलावा नोएडा, दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्र, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत और बुलंदशहर के लोगों को अब इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
बेहतर है कनेक्टिविटी
एम्स के अधिकारियों को जिन तीन इलाकों में सेटेलाइट सेंटर बनाने के लिए जमीन दिखाई गई थी, उनमें वसुंधरा को अधिकारियों ने कनेक्टिविटी के लिहाज से सबसे बेहतर माना। वसुंधरा में जिस जगह सेंटर के लिए जमीन चिह्नित की गई है, वह दिल्ली और नोएडा से पांच मिनट से भी कम दूरी पर है। नमो भारत के साहिबाबाद स्टेशन और मेट्रो के वैशाली स्टेशन के भी करीब है। एलिवेटेड रोड के जरिए यहां चंद मिनटों में पहुंच सकते हैं।
डॉ. बलकार सिंह, आवास आयुक्त, उत्तर प्रदेश ने कहा, ''वसुंधरा के सेक्टर-7 में 10 एकड़ जमीन देने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास होने के बाद इसे जल्द एम्स को हस्तांतरित कर दी जाएगी। अब आगे की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जा सकेगी।''