दिल्ली में जींस रंगाई व डाइंग फैक्ट्रियों पर ऐक्शन शुरू, कारण बताओ नोटिस जारी; 10 लाख जुर्माने की तैयारी
राजधानी दिल्ली में सरकार बदलने के बाद अब अनाधिकृत क्षेत्रों में चोरी-छिपे चल रहीं जींस रंगाई और डाइंग फैक्ट्रियों पर अब ऐक्शन शुरू हो गया है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने ऐसी फैक्ट्रियां चलाने वाले वाले उद्यमियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।

राजधानी दिल्ली में सरकार बदलने के बाद अब अनाधिकृत क्षेत्रों में चोरी-छिपे चल रहीं जींस रंगाई और डाइंग फैक्ट्रियों पर अब ऐक्शन शुरू हो गया है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) ने ऐसी फैक्ट्रियां चलाने वाले वाले उद्यमियों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है।
डीपीसीसी ने दिल्ली के अनाधिकृत इलाकों में जींस रंगाई और डाइंग फैक्ट्री चलाने वाले उद्यमियों को भेजे गए कारण बताओ नोटिस में इन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने की बात कही गई है।
दिल्ली में यमुना के प्रदूषण में अनाधिकृत क्षेत्रों में चलने वाले इस तरह के उद्यमों की बड़ी भूमिका मानी जाती है, जहां से निकलने वाला गंदा पानी यमुना के जल में तमाम किस्म के रसायनों की मात्रा को बढ़ा देता है। औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ करने और उसके निस्तारण के लिए मानक स्थापित किए गए हैं, लेकिन दिल्ली के तमाम इलाकों में इस तरह की फैक्ट्रियां अवैध रूप से चल रही हैं, जहां पर जींस की धुलाई, रंगाई और डाई का काम होता है।
हाल ही में डीपीसीसी की अलग-अलग टीमों ने ऐसे उद्यमों के खिलाफ निरीक्षण अभियान चलाया था। इस दौरान कई स्थानों पर डाई का काम होता पाया गया। इस तरह के बीस उद्यमों को डीपीसीसी की ओर से नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में कहा गया है कि अनाधिकृत क्षेत्र में उनके यहां पर जिस प्रकार से उद्यम चलाए जा रहे हैं, वे प्रदूषण के लिहाज से रेड श्रेणी में रखे गए हैं। यहां से निकलने वाला पानी बेहद प्रदूषित होता है, इसलिए ऐसे उद्यमों पर क्यों न 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाए।
डीपीसीसी के मुताबिक, जिन बीस फैक्ट्रियों को नोटिस जारी किए गए हैं वे ओखला, सरिता विहार, गालिबपुर गांव, जैतपुर, बदरपुर, मदनपर खादर आदि क्षेत्रों में स्थित हैं। इन सभी को पंद्रह दिन में जवाब देने को कहा गया है।
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