मनीष सिसोदिया और राखी बिड़लान की बदली सीट; अवध ओझा समेत 20 को टिकट; AAP ने किसे कहां से उतारा
Aap Candidate List: नरेला से दिनेश भारद्वाज, तिमारपुर से सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, आदर्श नगर से मुकेश गोयल, मंडका से जसबीर कारला, मंगोलपुरी से राकेश जाटव धर्मरक्षक, रोहिणी से प्रदीप मित्तल, चांदनी चौक से पुरनदीप सिंह को टिकट दिया गया है।
Aap Candidate List: दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) ने दूसरी लिस्ट जारी कर दी है जिसमें 20 प्रत्याशियों के नाम हैं। पार्टी ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीट भी बदल दी है। वह अब पटपड़गंज की बजाय जंगपुरा से चुनाव लड़ेंगे। सिसोदिया की सीट पर अब अवध ओझा चुनाव लड़ेंगे। सिसोदिया के अलावा राखी बिड़लान की सीट भी बदल दी गई है। उन्हें मंगोलपुरी की जगह मादीपुर से उतारा गया है। पार्टी अभी तक कुल 31 नामों की घोषणा कर चुकी है।
आम आदमी पार्टी ने दूसरी लिस्ट में भी कई मौजूदा विधायकों के टिकट बदल दिए हैं, जिसमें मादीपुर, जनकपुरी, आदर्श नगर की सीट भी शामिल है। आम आदमी पार्टी ने पार्षद मुकेश गोयल को भी आदर्श नगर से टिकट दिया है यहां से पहले पवन शर्मा विधायक है। पार्टी ने एक बार फिर दूसरे दलों से आए नेताओं को तरजीह दी है। भाजपा से आए प्रवेश रतन, जितेंद्र सिंह शटी और सुरिंदर पाल सिंह बिट्टू को टिकट दिया है।
नरेला से दिनेश भारद्वाज, तिमारपुर से सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू, आदर्श नगर से मुकेश गोयल, मंडका से जसबीर कारला, मंगोलपुरी से राकेश जाटव धर्मरक्षक, रोहिणी से प्रदीप मित्तल, चांदनी चौक से पुरनदीप सिंह स्वनेह, पटेल नगर से प्रवेश रतन, जनकपुरी से प्रवीण कुमार, बिजवासन से सुरेंद्र भारद्वाज, पालम से जोगिंदर सोलंकी, देवली से प्रेम कुमार चौहान, त्रिलोकपुरी से अंजना प्राचा, कृष्णानगर से विकास बग्गा, गांधी नगर से नवीन चौधरी (दीपू), शाहदरा से जितेंद्र सिंह शंटी और मुस्तफाबाद से आदिल अहमद खान को टिकट दिया गया है।
इससे पहले 21 नवंबर को आम आदमी पार्टी ने 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। उस लिस्ट में तीन मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए थे। पहली लिस्ट में भी भाजपा और कांग्रेस से आए नेताओं को तरजीह दी गई थी। मसलन बुराड़ी में आप विधायक ऋतुराज की जगह भाजपा से आए पूर्व विधायक अनिल झा को उम्मीदवार बनाया गया है।
दिल्ली में जनवरी के अंत या फरवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा का चुनाव हो सकता है। 70 सदस्यीय विधानसभा में 2020 में 'आप' ने 62 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि 2015 में पार्टी ने 67 सीटों पर झाड़ू चलाकर कांग्रेस को जहां पूरी तरह साफ कर दिया था तो भाजपा महज तीन सीटें जीत पाई थी। 2013 में पहली बार चुनाव लड़ते हुए 'आप' ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई थी जो महज 49 दिन ही चल पाई थी।